
सूरत. जिला न्यायाधीश ने अनामिका राठौड़ की दीक्षा को लेकर किसी तरह का मामला नहीं बनने की बात कहकर समाज कल्याण विभाग को किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की राय दी है। अनामिका के सोमवार को अचानक दीक्षा लेने से समाज कल्याण विभाग उलझन में था। उसकी दुविधा यह थी कि मामले में क्या कार्रवाई की जाए?
विभाग ने कानूनी कार्रवाई के लिए जिला न्यायाधीश की राय मांगी थी। गौरतलब है कि राठौड़ द पती सुमित और अनामिका एकसाथ दीक्षा लेने वाले थे। उनकी पौने तीन साल की बेटी इ या को लेकर विवाद शुरू हुआ। सामाजिक संगठनों की शिकायत पर द पती की दीक्षा पर रोक लगाने की मांग उठी। विवाद से बचने के लिए सिर्फ सुमित ने दीक्षा ली थी। पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में अदालत में अपील कर अनामिका के बारे में फैसला करने को सूचित किया था, लेकिन सोमवार को अनामिका ने सूरत में दीक्षा ले ली। इससे फिर विवाद शुरू हो गया, क्योंकि यह मामला सीधे पौने तीन साल की बच्ची से जुड़ा हुआ है।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मंगलवार को जिला न्यायाधीश से मिले। अधिकारियों के मुताबिक जिला न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया हो चुकी है, इसलिए इसमें किसी तरह की कानूनी कार्रवाई की कोई गुजांइश नहीं है। विभाग इस मामले में आगे कार्रवाई नहीं करेगा।
हजारों लोग बने साक्षी
इधर, साधुमार्गी संघ से जुड़ पदाधिकारियों ने बताया कि अनामिका राठौड़ के दीक्षा समारोह के हजारों समाजजन साक्षी बने। आचार्य रामलालजी के सानिध्य में पूरे विधान से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सम्पन्न कराया गया। समाजजनों ने इस बात को गलत करार दिया कि कार्यक्रम को गुपचुप तरीके से अंजाम दिया गया।
Published on:
26 Sept 2017 08:54 pm
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