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विधानसभा सत्र से पहले हरीश चौधरी ने वासुदेव देवनानी को लिखा पत्र, रखी ये बड़ी डिमांड; जानिए क्या?

Rajasthan Politics: राजस्थान में तेजी से फैल रहे नशे के कारोबार को लेकर विधानसभा सत्र से पहले हरीश चौधरी ने वासुदेव देवनानी से बड़ी डिमांड की है।

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Rajasthan Politics: राजस्थान में इन दिनों नशे के गंदे कारोबार के तेजी से पैर पसारने की खबरें सामने आ रही हैं। ड्रग्स माफिया देशभर से राजस्थान के जयपुर, कोटा, सीकर, जोधपुर जैसे शहरों में पढ़ने आए स्टूडेंट्स को सॉफ्ट टारगेट बन रहे हैं। साथ ही इस कॉलेज या कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चों पर भी इनकी निगाहे गढ़ी रहती है। ये पहले पहले बच्चों की रोजमर्रा के कामों में मदद कर उनका विश्वास जीतते हैं, फिर पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने की ‘गोली’ के बहाने उन्हें ड्रग्स से जोड़ देते हैं।

बता दें, इसको लेकर हाल ही में राजस्थान पत्रिका ने स्टिंग ऑपरेशन भी किया है। अब बायतू से विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी ने इसको लेकर आवाज उठाई है।

'नशा मुक्त' के लिए कि विशेष चर्चा की डिमांड

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखते हुए कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति जिसमें भी कई खतरनाक ड्रग्स आज प्रदेश के हर गांव ढाणी में अपने पैर पसार रहा है, जो हमारे लिए चिंता का विषय है। ड्रग्स और नशे की प्रवृत्ति युवाओं में विशेषकर विद्यार्थी वर्ग को अपने चपेट में ले रही है, जिससे उनका पूरा जीवन तबाह हो रहा है। इन सब के जिम्मेदार, जवाबदार हम सभी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सुदूर गांव-ढाणियों में जहां शिक्षा का उजियारा होना चाहिए, यहां आज नशाखोरी का अंधेरा छाया हुआ है। आये दिन ऐसी सैकड़ों घटनाएँ जो नशे की प्रवृति के कारण प्रदेश में घटित हो रही है। जिसका ज्ञान सरकार, प्रशासन को है, बावजूद उसके इस पर मौन रहना इन ड्रग्स माफियाओं के हौसले को लगातार बुलंद करने का काम कर रहा है।

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हरीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश को नशा मुक्त करने जिसमें विशेषकर खतरनाक ड्रग्स जिसके कारण हमारी युवा पीढ़ी तबाह हो रही है। इस विषय पर बिना किसी राजनीतिक सोच के हम सभी को आगे आकर इस दिशा में एक मुहिम चलानी होगी। इसी कड़ी में मेरा आपसे अनुरोध है कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में इस समस्या पर एक विशेष चर्चा हो, ताकि प्रदेश में बढ़ती इस नशाखोरी की रोकथाम पर आवश्यक कानून, नियम बने, जिससे प्रदेश नशा मुक्त हो सके।

7 दिन तक पत्रिका टीम ने नेटवर्क खंगाला था

गौरतलब है कि नशे के नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए पत्रिका टीम ने सात दिन तक शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में घूमकर नशे के सौदागरों की नब्ज टटोली। शहर में नशे के अड्डों, सौदागरों, बिचौलियों, सप्लायरों और नशा करने वालों के बीच जाकर नशे के कारोबार से जुड़ी जानकारियां जुटाईं। इस दौरान पता चला कि कि ड्रग्स के सौदागर छात्रों को होम डिलेवरी भी कर रहे हैं। बुकिंग सोशल मीडिया पर होती है और बिना नंबर की बाइक से ड्रग्स सप्लाई करते हैं।

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