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Earthquake Update: क्यों आता है भूकंप और क्या है इसके पीछे की वजह

Earthquake Update: राजस्थान में मंगलवार रात भूंकप के झटके महसूस किए गए । भूंकप से जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन लोगों में एक अलग डर अब होने लगा है।

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Earthquake in Jammu And Kashmir

Earthquake in JK

Earthquake Update: हर्षित जैन/जयपुर। राजस्थान में मंगलवार रात भूंकप के झटके महसूस किए गए। भूंकप से जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन लोगों में एक अलग डर अब होने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो भूकंप पृथ्वी की सतह का एक कंपन है जो पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों में लचक या समस्थानिक समायोजन से होता है। मौसम विभाग जयपुर केंद्र के विशेषज्ञों के मुताबिक जब धरती की प्लेटें टकराती हैं तब भूकंप आता हैं। जब पृथ्वी की बाहरी परत में अचानक से हलचल होने लगती है जिससे ऊर्जा उत्पन्न होती है। इससे भूमि हिलने लगती है और भूकंप आता है।

बढ़ जाती है रेडॉन गैस की मात्रा
जयपुर मौसम केंद्र के प्रभारी आरएस शर्मा के मुताबिक भूकंप की लहरें किसी क्षेत्र से टकराने से पहले उस क्षेत्र के वातावरण में रेडॉन गैस की मात्रा बढ़ जाती है, रेडॉन गैस का बढ़ना दर्शाता है कि यह क्षेत्र भूकंप की चपेट में आने वाला है। इस बिंदू पर भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं उसे भूकंप का फोकस कहते हैं। यह पृथ्वी की सतह से नीचे होता है। पृथ्वी की सतह पर जहां पहली बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, एपिसेंटर कहलाता है।

लोगों में बीती रात रहा डर
हिंदू नववर्ष से पहले बीती रात मंगलवार को उत्तर भारत समेत पाकिस्तान, अफगानिस्तान सहित अन्य जगहों पर भूकंप के तेज झटके आए। जयपुर, दिल्ली के अलावा कई राज्यों में देर रात लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किए। रात करीब 10.20 से 10.30 बजे के बीच दो बार लोगों ने भूकंप को महसूस हुए। राजधानी जयपुर में लोग अपने घर से बाहर निकल गए। अलवर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, गंगानगर, झुंझुनूं आदि शहरों में भी भूकंप आया।

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अफगानिस्तान रहा भूकंप का केंद्र
रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 आंकी गई। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में रहा। भारत के अलावा, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को पांच अलग-अलग भूकंप जोन में बांटा है। देश में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है। पांचवें जोन में देश की पूरी जमीन का 11 हिस्सा है, चौथे जोन में 18 और तीसरे दूसरे जोन में 30 प्रतिशत हिस्सा है। सबसे अधिक खतरा जोन 4 और 5 वाले राज्यों को है।

भूकंप के जोन दो में राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडू का कुछ हुआ हिस्सा है। चौथे जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा है। लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश इसमें शामिल है। वहीं पांचवें जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा, कश्मीर घाटी, हिमाचल का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी इलाका, गुजरात का कच्छ इसमें शामिल है।