उम्रकैद की सजा काट रहा फलाहारी बाबा
बलात्कार का दोषी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी उर्फ फलाहारी बाबा पिछले 7 साल से अलवर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। 7 साल में पहली बार वह जेल से बाहर आया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रहे फलाहारी बाबा को राहत दी है। कोर्ट ने बीस दिन की पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने पैरोल कमेटी के पैरोल मंजूर नहीं करने के 29 जनवरी के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि सात साल से जेल में होने और आचरण संतोषजनक होने से याचिकाकर्ता को नियमानुसार पैरोल पर रिहा किया जा सकता है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह और न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा की पैरोल संबंधी की याचिका को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया।
Falahari Baba Rape Case: फलाहारी बाबा बलात्कार मामला क्या है
21 वर्षीय विधि स्नातक छात्रा ने सितंबर 2017 में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें सात अगस्त 2017 को अलवर स्थित आश्रम में बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया। अलवर के अपर जिला एवं सेशन जज ने फलाहारी बाबा को 26 सितंबर 2018 को आईपीसी की धारा 506 ओर 376 (2 एफ) दोषी करार दिया था। बाबा को बिलासपुर की 21 वर्षीय लड़की से बलात्कार के मामले में उम्रकैद और 1 लाख का जुर्माना की सजा सुनाई थी। अलवर के अरावली विहार थाना पुलिस ने बाबा के द्वारा विलासपुर की युवती से रेप किए जाने के मामले में 15 दिसम्बर 2017 को चार्जशीट दायर की थी।