
rajasthan state road transport corporation
जयपुर। घाटे से झूझ रहे रोडवेज विभाग के अधिकारियों ने अब नया फरमान निकाल दिया है। आदेश के अनुसार अब अनेक रोडवेज कर्मचारियों को एक्सग्रेसिया के भुगतान से वंचित होना पड़ेगा। रोडवेज विभाग के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राज हंस उपाध्याय ने आदेश पारित किया है कि अब रोडवेज की ओर से वित्तीय वर्ष 2016-17 के बोनस भुगतान के लिए 31 मार्च 2017 को जिनकी बेसिक पे एवं डी.ए. 21 हजार रुपए हैं। केवल उन्हें ही बोनस देय होगा। ऐसे में नाम कर्मचारियों को ही लाभ मिलेगा। 21 हजार रुपए से अधिक बेसिक पे एवं डी.ए. प्राप्त करने वाले बहुसंख्यक श्रमिकों को एक्सग्रेसिया के भुगतान से वंचित कर दिया गया है। यह रोडवेज के 57 वर्ष के इतिहास में पहली बार हुआ है। ऐेसे में अब रोडवेज विभाग में कार्यरत करीब उन्नीस हजार कर्मचारियों में से मात्र करीब एक हजार कर्मचारियों को ही बोनस का लाभ मिल पाएगा।
नहीं हो रही समझौते की पालना
राज्य सरकार और रोडवेज के श्रमिक संगठनों के मध्य 14 सितंबर 2017 को हुए समझौते में राज्य सरकार ने रोडवेज को 45 करोड़ रुपए प्रति माह आर्थिक सहायता देना स्वीकार किया गया था, लेकिन नवम्बर 2017 से 45 करोड़ रुपए की बजाय 25 करोड़ रुपए ही दिए जा रहे हैं। नवम्बर 2017 से मई 2018 तक प्रति माह 20 करोड़ रुपए कम प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार सात माह के 140 करोड़ रुपए राज्य सरकार की तरफ रोडवेज के बकाया चल रहे हैं। यदि राज्य सरकार की ओर से देय आर्थिक सहायता प्रतिमाह पूरी दी जाती तो रोडवेज कर्मियों की बोनस, पेंशन व रिटाडर्य हो चुके कई कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान आसानी से हो जाता।
पहले का भी नहीं हुआ भुगतान
केन्द्र सरकार ने बोनस कानून में एक अप्रेल 2014 को संशोधन करके बोनस की दर को दुगना कर दिया था। लेकिन रोडवेज विभाग ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में कर्मचारियों के देय बोनस एवं एक्सग्रेसिया की राशि को पुरानी दर से दिया। आधी राशि को बकाया रख दिया गया। ऐेसे में कर्मचारियों को बोनस एवं एक्सग्रेसिया के सात करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया। 2016-17 के बोनस व एक्सग्रेसिया के करीब साढ़े तेरह करोड़ रुपए बकाया हैं।
नहीं मानी सरकार तो करेंगे चक्काजाम
सरकार की ओर से बार-बार रोडवेज कर्मचारियों की मांगों की ओर ध्यार नहीं दिए जाने, बोनस, एक्सग्रेसिया व अन्य मांगों को लेकर अब कर्मचारियों ने में रोष व्याप्त होता जा रहा है। कर्मचारी अब चक्काजाम करेंगे। एटक के प्रदेश अध्यक्ष एम.एल. यादव ने बताया कि राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा पिछले चार वर्ष के ज्यादा समय से राज्य सरकार की ओर से अपनाई जा रही रोडवेज विरोध, श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष करता आ रहा है। अब पांच जुलाई को जयपुर में प्रदेशस्तरीय रैली, 25 व 26 जुलाई को दो दिन की प्रदेशव्यापी चक्काजाम हड़ताल की जाएगी।
Published on:
08 Jun 2018 01:08 pm
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