
नांगललाडी-मुंडोता सीमा पर प्रस्तावित रिंग रोड के विरोध में प्रदर्शन करते किसान। फोटो: पत्रिका
जयपुर। केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद जयपुर में नॉर्थ रिंग रोड प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतरने लगा है। लेकिन, 6 लेन रिंग रोड बनने से पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है। रिंग रोड के लिए पिछले दिनों कालवाड़ क्षेत्र में डिमार्केशन के बाद भूमि प्रक्रिया शुरू हुई। इसको लेकर अब ग्रामीणों ने कई आरोप लगाए है।
नांगललाड़ी–मुंडोता सीमा पर बुधवार को बैठक हुई। जिसमें किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही नॉर्थ रिंग रोड के डिमार्केशन के बाद कई खामियों का आरोप लगया। मीटिंग में मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि नॉर्थ रिंग रोड का इधर से सर्वे ही नहीं हुआ था। फिर अचानक अन्य अलाइनमेंट को छोड़कर इस रूट पर रिंग रोड के लिए डिमार्केशन कर दिया।
जिन लोगों की जमीन रिंग रोड में जा रही है, वे लोग बड़ी संख्या में मीटिंग में मौजूद रहे। मीटिंग में प्रदर्शन के पश्चात ज्ञापन तैयार किया गया, जिसको उच्चाधिकारियों को दिया जाएगा। प्रदर्शन और मीटिंग में भोलाराम रूंडला, शंकर लाल धायल, ग्यारसी लाल, नानूराम मास्टर, रामफूल लोमोड, केसरमल, राकेश धायल, भोमराज कोठोतिया, सीताराम कंडिरा, मन्नालाल, मांगीलाल, बाबूलाल यादव, हनुमान सहाय, रामनरेश रूंडला, रिसपाल धायल, नाथूराम सेवदा आदि मौजूद थे।
बता दें कि लंबे समय बाद केंद्र सरकार ने हाल ही में जयपुर में बनने वाले नॉर्थ रिंग रोड को मंजूरी दी है। यह रिंग रोड अजमेर रोड पर बगरू के पास छितरोली से बस्सी तक बनेगा। रिंग रोड बनने के बाद अजमेर से जयपुर होकर दिल्ली जाने वाले वाहन चालकों को जयपुर शहर में घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी यह रिंग रोड दिल्ली-अजमेर-आगरा हाईवे से सीधा लिंक होगा।
जयपुर में बनने वाली 6 लेन सड़क चौमूं, मौजमाबाद, सांगानेर, आमेर, जमवारामगढ़, बस्सी, कालवाड़, जालसू, जोबनेर और रामपुरा डाबड़ी तहसील के 150 से ज्यादा गांवों से होकर गुजरेगी। इस रोड के बनने के बाद जयपुर शहर का फैलाव बढ़ेगा। साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
Published on:
11 Dec 2025 12:03 pm
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