
फाइल फोटो- पत्रिका
Agricultural Schemes : जयपुर। राज्य सरकार "सहकार से समृद्धि" के मंत्र को आत्मसात करते हुए ग्रामीण और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सहकारिता विभाग ने किसानों, गोपालकों और लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं का प्रभावी संचालन कर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
राज्य में अब तक 75.52 लाख किसानों को लगभग 42,131 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया जा चुका है। आगामी वर्ष 2025-26 में 35 लाख किसानों को 25,000 करोड़ रुपए ऋण देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही 805 करोड़ रुपए मध्यकालीन और 232 करोड़ रुपए दीर्घकालीन ऋण भी वितरित किए गए हैं।
ग्राम पंचायत स्तर तक सहकारी समितियों की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से 216 नए पैक्स, 97 लैम्प्स और 313 ग्राम सेवा सहकारी समितियाँ गठित की गई हैं। वहीं 212 नए गोदामों का निर्माण कर ₹28 करोड़ खर्च किए गए हैं। 412 कस्टम हायरिंग सेंटर भी स्थापित किए गए हैं।
राज्य सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को अतिरिक्त सहायता देते हुए मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2025-26 में 2000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए वार्षिक सहायता देने का फैसला किया है। योजना के अंतर्गत अब तक 70.21 लाख किसानों को 1355.18 करोड़ रुपए सीधे खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
पशुपालकों के लिए राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ₹1 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे पशुधन आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है।
मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना के अंतर्गत मूलधन जमा करने पर 100% ब्याज माफी की सुविधा दी गई है। योजना से अब तक 4,882 लाभार्थियों को 81 करोड़ रुपए की राहत दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर राजस्थान सरकार की पहल देशभर में एक मॉडल बनकर उभरी है। सहकारिता के माध्यम से अंत्योदय और ग्रामीण समृद्धि का जो सपना राज्य सरकार ने देखा है, वह अब धरातल पर उतरता दिखाई दे रहा है।
Published on:
12 Jul 2025 11:10 pm
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