
फाइल फोटो पत्रिका
Food Security Scheme : खाद्य सुरक्षा योजना के तहत वर्ष 2013 से गेहूं ले रहे अपात्र किसान अब केंद्र सरकार के रडार पर आ गए हैं। केंद्र ने ऐसे 10 हजार किसानों की पहचान की है, जो समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं बेचने के बावजूद मुफ्त अनाज का लाभ ले रहे हैं। ये वे किसान हैं जिन्होंने केंद्र को 100 क्विंटल से अधिक गेहूं एमएसपी पर बेचा है। इन किसानों की जिलेवार सूची राज्य के खाद्य विभाग को भेजी गई है। सत्यापन के बाद अपात्र लाभार्थियों को योजना से बाहर किया जाएगा।
अपात्र किसानों में सबसे अधिक हनुमानगढ़ जिले के तीन हजार से अधिक किसान शामिल हैं। इनकी संख्या और बढ़ने की संभावना है। वहीं, जयपुर जिले में 23 अपात्र लाभार्थियों की पहचान की गई है। हालांकि अपात्रों के नाम योजना से हटाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक लिए गए गेहूं की वसूली कब होगी, यह स्पष्ट नहीं है। हर बार अभियान की अंतिम तिथि तक नाम वापस नहीं लेने पर वसूली की घोषणा की जाती है, लेकिन इसके बाद अभियान की अवधि बढ़ा दी जाती है।
जांच में सामने आया कि कई किसान 2013 से ही मुफ्त गेहूं का लाभ लेते आ रहे हैं। उस समय वे समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसान नहीं थे, लेकिन बाद में उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने के बावजूद न तो उन्होंने स्वयं योजना से नाम हटवाया और न ही विभाग ने उनकी छंटनी की। इस तरह कई किसानों ने लंबे समय तक योजना का दोहरा लाभ लिया।
सूची संबंधित जिला रसद अधिकारियों को भेज दी है। सत्यापन के बाद अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाए जा रहे हैं। योजना का लाभ केवल पात्र को ही मिले, इसके लिए गिवअप अभियान चलाया जा रहा है। स्वेच्छा से नाम वापस नहीं लेने वाले अपात्र लाभार्थियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सुमित गोदारा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री
हनुमानगढ़ -3193
बूंदी- 1859
गंगानगर -1280
झालावाड़- 889
कोटा- 727
बारां- 433
भीलवाड़ा- 365
डीग - 270
सवाई माधोपुर- 270
अलवर- 198
जयपुर- 23।
Published on:
17 Dec 2025 09:05 am
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