
जयपुर। रेगिस्तान के जहाज से दुनिया भर में मशहूर प्रदेश के राजकीय पशु ऊंट को बचाने के लिए एक नई पहल सामने आई है। जिसका मकसद इनको संरक्षण देने के साथ-साथ इन ऊंटों के जरिए लोगों को भी सेहतमंद रखा जा सके। जानकारी की मानें तो ऊंट संरक्षण के लिए पशुपालन बोर्ड एक अनोखा प्रयोग करने की तैयारी में जिसके जरिए प्रदेश में इन्हें संरक्षित करने के काम को और भी अधिक बढ़ावा मिल सके।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में ऊंट संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नई पहल के अनुसान ऊंटनी का दूध सरस डेयरी के केंद्रों पर उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे कि ना केवल इन्हें बचाया जा सकेगा, बल्कि इनके दूध से लोगों को भी फायदा मिलेगा। पशुपालन बोर्ड के अध्यक्ष गोवर्धन राईका ने कहा कि इस पहल को लेकर तैयारी चल रही है। साथ ही कहा कि इसका मकसद ऊंट को बचाना और ऊंटनी जिसका दूध स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है, जो बीमारियों से लड़ने में बेहतर विक्लप साबित हो सकता है। लोगों तक पहुंचाया जा सके।
तो वहीं इस मामले में बीकानेर में स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल के निदेशक ने कहा कि ऊंटनी के दूध में पौष्टिक तत्वों की भरमार होती है। साथ इनके दूध में ऐसी औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई रोगों से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं। जबकि जानकारों का कहना कि ऊंटनी का दूध मुघुमेह के रोगियों के काफी गुणकारी होता है।
पशुपालन बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि ऊंटनी का दूध लोगों तक आसानी से पहुंच सके इसके लिए सरस डेयरी केंद्र पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि इनका दूध लोगों तक आसानी उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि ऊंटनी के दूध के बारे में कम ही लोगों को जानकारी है, लेकिन एक शोध के मुताबिक, जो लोग इसके दूध का नियमित रुप से सेवन करते हैं, वो बाकी लोगों के मुकाबले अधिक स्वस्थ्य और सेहतमंद रहते हैं। तो इनके दूध के सेवन से कई तरह की बीमारियां भी दूर होती है।
Published on:
30 Dec 2017 05:29 pm
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