
Rajasthan Food Security: जयपुर। राजस्थान में शुरू हुआ गिव अप अभियान अब सामाजिक न्याय और निर्धन सेवा का प्रतीक बन गया है। इस अभियान ने न केवल खाद्य सुरक्षा सूची के शुद्धिकरण में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, बल्कि समाज के सक्षम वर्ग में स्वेच्छा से त्याग की भावना भी प्रकट की है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि गरीबों के हक में सेंधमारी न हो, यह अभियान उसी सोच को सामाजिक कर्तव्य और धर्म में बदल रहा है।
अब तक 31 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा छोड़ी है। इसके परिणामस्वरूप करीब 60 लाख नए पात्र लाभार्थी खाद्य सुरक्षा से जुड़े हैं। इन्हें नि:शुल्क गेहूं, मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत गैस सिलेंडर, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में 25 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज तथा दुर्घटना बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का बीमा कवर दिया जा रहा है। इस कदम से राज्य को लगभग 568 करोड़ रुपए की राजकोषीय बचत हुई है, जिसे सीधे लाभार्थियों के कल्याण पर खर्च किया जा रहा है। अभियान की सफलता को देखते हुए इसकी अवधि 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है।
जयपुर जिले में ही 2.25 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों ने खाद्य सुरक्षा छोड़ी है, जबकि 2.48 लाख नए पात्र जुड़े हैं। मंत्री ने कहा कि अब प्रवर्तन एजेंसियां अपात्रों की पहचान कर सार्वजनिक रूप से सूची जारी करेंगी। 31 अक्टूबर तक गिव अप न करने वाले अपात्रों से 1 नवम्बर से 30.57 रुपए प्रति किलो गेहूं की दर से वसूली की जाएगी।
सरकार ने नाम हटाने और जोडऩे की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है। पात्र लोग अब ई-मित्र या विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जांच के लिए शहरी और ग्रामीण स्तर पर दल गठित किए गए हैं।
अभियान की पारदर्शिता और निगरानी के लिए जिलों और तहसीलों पर विजिलेंस समितियां सक्रिय की गई हैं। मंत्री स्वयं अब तक 25 जिलों का दौरा कर अभियान की समीक्षा कर चुके हैं। वहीं, जिला स्तर पर प्रचार-प्रसार और जागरूकता के लिए जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है।
Published on:
05 Sept 2025 09:05 am
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