इस दौरान प्राचार्य डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि इस अस्पताल को संक्रामक रोग से ग्रस्त मरीजों के लिए बनाया गया था। कोरोना से पहले यहां कई रोगों का इलाज होता था लेकिन बाद में बंद हो गया। इससे पहले तो वीवीआइपी टीकाकरण केंद्र बनाया गया फिर यहां वीआइपी मरीजों का ही इलाज होने लगा। अब ऐसा नहीं होगा।
8 से 10 बेड आइसोलेशन के लिए रखे जाएंगे रिजर्व
उन्होंने आगे कहा कि 20 बेड में से 8 से 10 बेड आइसोलेशन के लिए रिजर्व रखे जाएंगे। अन्य दस बेड का उपयोग लिया जाएगा। इसका जिम्मा मेडिसिन विभाग या ट्रॉपिकल मेडिसिन विभाग को दिया जाएगा। इस मामले को राजस्थान पत्रिका ने खबरें प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद ऐसा किया जा रहा है।