24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

VIDEO: इलाज के लिए आज सरकारी अस्पताल जा रहे हैं, तो जाने से पहले पढ़ लें ये ज़रूरी खबर

सेवारत चिकित्सक शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर, सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने किया आह्वान

2 min read
Google source verification
doctors strike

जयपुर।

प्रदेश में एक बार फिर सेवारत चिकित्सकों और राज्य सरकार में टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने प्रदेशभर के सेवारत चिकित्सक शुक्रवार को दिनभर सामूहिक अवकाश पर हैं। संघ के सम्मानजनक समझौते की वादाखिलाफी और चिकित्सकों पर दमनात्मक कार्रवाई को लेकर समस्त चिकित्सकीय समुदाय में उपजे असंतोष के मद्देनजर निर्णय लिया गया है।

संघ प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि सरकार को 3-3 दिन का दो बार अल्टीमेटम दिया जा चुका है, लेकिन न तो दमनात्मक कार्रवाई वापस ली गई और न ही हाल ही गर्भवती महिला चिकित्सक के साथ दुव्र्यवहार कर सबसे बड़े विवाद का कारण बने आरएएस अधिकारी को समझौते के बिंदु संख्या-6 के अंतर्गत अतिरिक्त निदेशक (राजपत्रित) के पद से हटाकर पहले की भांति चिकित्सक लगाने पर बनी सहमति के बावजूद 25 दिन बीत जाने के बाद भी हटाया नहीं गया, जो समझौते का उल्लंघन है।

आमजन की पीड़ा के लिए सरकार होगी जिम्मेदार : चौधरी
डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि संघ की कोर कमेटी ने तय किया है कि सरकार को दी समय सीमा समाप्त हो चुकी है, ऐसे में आंदोलन को उग्र किया जाएगा। राज्य के समस्त चिकित्सक शुक्रवार को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर शासन के खिलाफ विरोध जाहिर करेंगे। अगर इस दौरान आमजन को पीड़ा होती है तो उसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी, न सेवारत चिकित्सक। साथ ही सरकार अगर चिकित्सकों को कुचलने का प्रयास करेगी तो राज्य के समस्त चिकित्सक अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले जाएंगे।

दमनात्मक कार्रवाई वापस ले सरकार
संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि सरकार चिकित्सकों के खिलाफ की गई दमनात्मक कार्रवाई को तुरंत वापस ले और समझौते का उसकी मूल भावना के अनुरूप क्रियान्वयन करे, ताकि चिकित्सक प्रताडि़त महसूस न करे और अपने पूर्ण मनोभाव से पीडि़त जनता की सेवा कर कर्तव्यनिष्ठा का पालन कर सके, जो जनहित और राज्यहित में है।

मरीजों की बढ़ेगी मुश्किलें
सेवारत चिकित्सकों के एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि मेडिकल कॉलेज स्तर के अस्पतालों के चिकित्सक यथावत काम करते रहेंगे। लेकिन जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले मरीजों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश में करीब 9 हजार सेवारत चिकित्सक कार्यरत हैं, ऐसे में एक साथ सामूहिक हड़ताल पर जाने से चिकित्सा सेवाओं पर विपरीत असर पडऩा तय है।