
Rajasthan Water Resources: जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मंगलवार को शासन सचिवालय में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में 100 करोड़ से अधिक लागत की 23 परियोजनाओं और राम जल सेतु लिंक परियोजना से जुड़े 7 कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। पंत ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां भू-जल उपलब्धता के प्रतिकूल हैं, जबकि अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है। इसलिए किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग आधुनिक सॉफ्टवेयर टूल्स के माध्यम से की जाए और योजनावार PERT-CPM तैयार किया जाए, जिससे कार्यों की वास्तविक प्रगति का तुरंत आकलन संभव हो सके। उन्होंने कहा कि समानांतर रूप से किए जा सकने वाले कार्यों को एक साथ संचालित कर समय व संसाधनों की बचत की जाए। निर्माण कार्यों की निविदा प्रक्रिया से लेकर निष्पादन तक की समयसीमा को तर्कसंगत बनाकर आमजन तक योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंचाया जाए।
पंत ने अधिकारियों को प्रत्येक कार्य की नियमित फील्ड विजिट करने और कार्यों की गुणवत्ता की रैंडम जांच कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने प्रगतिरत परियोजनाओं की निरंतर मॉनिटरिंग के लिए तकनीकी विशेषज्ञों, अभियंताओं और डेटा विश्लेषकों की एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) गठित करने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने वन भूमि प्रत्यावर्तन, भूमि अवाप्ति, विद्युत कनेक्शन व अन्य स्वीकृतियों से संबंधित विलंब के समाधान पर जोर दिया। मुख्य सचिव ने ऐसे मुद्दों के निराकरण के लिए सचिव स्तर की बैठक आयोजित करने और आवश्यकता पड़ने पर स्वयं अध्यक्षता करने की बात कही।
Published on:
29 Oct 2025 11:43 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
