6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

SI भर्ती-2021 रद्द: फैसले को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, डिवीजन बेंच में होगी सुनवाई; जानें क्या है डिमांड

Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा भर्ती रद्द करने के 28 अगस्त 2025 के फैसले को चुनौती देते हुए चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील दायर की है।

2 min read
Google source verification
उम्रकैद की सजा पाकर भी हुए मुक्त (Photo source- Patrika)

उम्रकैद की सजा पाकर भी हुए मुक्त (Photo source- Patrika)

Rajasthan News: राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 से जुड़े पेपर लीक मामले में नया मोड़ आया है। राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ द्वारा भर्ती रद्द करने के 28 अगस्त 2025 के फैसले को चुनौती देते हुए चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील दायर की है। इस अपील पर आगामी सप्ताह में सुनवाई होगी।

इसके साथ ही, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की भर्ती प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के मामले में स्वत: संज्ञान पर सुनवाई 10 सितंबर 2025 को निर्धारित की गई है।

एकलपीठ के फैसले के खिलाफ अपील

दरअसल, हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 28 अगस्त 2025 को एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस भर्ती में पेपर लीक और धोखाधड़ी में आरपीएससी के छह सदस्यों की गहरी संलिप्तता थी। कोर्ट ने तत्कालीन आरपीएससी चेयरमैन के आवास पर बाबूलाल कटारा के दौरे का जिक्र करते हुए कुछ अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की बात कही।

इस फैसले के खिलाफ चयनित अभ्यर्थी विक्रम पंवार और अन्य ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है। याचिका में एकलपीठ के फैसले को गलत बताते हुए कहा गया है कि भर्ती रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है, जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी और चयन प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति प्राप्त की।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि भर्ती प्रक्रिया इस स्तर पर रद्द करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे मेहनती और ईमानदार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अलंकृता शर्मा पैरवी करेंगी।

यहां देखें वीडियो-


चयनित अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन

वहीं, हाईकोर्ट के फैसले के बाद से प्रदेशभर में चयनित अभ्यर्थी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि पेपर लीक और धोखाधड़ी के लिए कुछ गिने-चुने लोग जिम्मेदार हैं, लेकिन इसका खामियाजा सभी अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ईमानदार अभ्यर्थियों को उनकी मेहनत का फल देना चाहिए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती रद्द करने का फैसला उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है, क्योंकि कई अभ्यर्थी पहले ही नियुक्ति प्राप्त कर सेवा में कार्यरत हैं।