
जयपुर।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की हाल ही जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि प्रदूषण के कारण देश में सबसे अधिक जानें राजस्थान में जा रही हैं। भारत में ब्रोन्काइटिस, श्वांस के संक्रमण और अस्थमा से सबसे अधिक मौतें राजस्थान में हो रही है। आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में सबसे अधिक प्रति लाख 111 मौतें प्रति वर्ष ब्रोंकाइटिस यानी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) से हो रही हैं। अस्थमा से भी पूरे देश में सबसे अधिक प्रति लाख 23 मौतें हो रही हैं। वहीं श्वांस के संक्रमण से होने वाली मौतों में भी राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर है। श्वांस संक्रमण से राजस्थान में प्रति लाख 52 मौतें सालाना हो रही हैं। जबकि श्वांस संक्रमण से सबसे अधिक प्रति लाख 53 मौतें उत्तर प्रदेश में हो रही हैं।
रोगों व कारणों का है विवेचन
भारत सरकार के शोध संस्थान आईसीएमआर और दूसरे नामी गिरामी संस्थानों और विशेषज्ञोंं द्वारा जारी की गई रिपोर्ट इंडिया: हेल्थ ऑफ द नेशन्स स्टेट्स—द इंडिया स्टेट लेवल डिसीज बर्डन इनिशिएटिव में भारत में प्रमुख जानलेवा संक्रामक और गैर संक्रामक रोगों, हालातों और उनके कारणों का विवेचन किया गया है।
प्रदेश में मौतों के भयावह आंकड़े
41.7% - मौतों का कारण 0 से 14 उम्र वर्ग में डायरिया और श्वांस संक्रमण रहा
14.2% - मौतें 15 से 39 उम्र वर्ग में कैंसर से हो रही हैं
27.5% - मौतें 40 से 69 उम्र वर्ग में हृदय रोग संबंधी कारणों से होती है
30.4% - मौतें 70 से अधिक उम्र वर्ग में श्वांस रोग से होती हैं
10.0% से 13% की क्षति के लिए जिम्मेदार हैं श्वांस संबंधी रोग
घट रहे जीवन के दिन
सीओपीडी रोग के कारण राजस्थान के लोगों की आयु से प्रति लाख 2570 वर्ष सालाना कम हो रहे हैं। जो कि पूरे देश में सर्वाधिक है। श्वांस के संक्रमण के कारण प्रदेश के लोग प्रति एक लाख आबादी पर सालाना 2706 वर्ष कम जी पा रहे हैं। अस्थमा का रोग प्रदेश के लोगों के जीवन से प्रति लाख आबादी पर 679 वर्ष सालाना छीन रहा है।
रोगों का ट्रेंड बदला
1990 में जहांं श्वांस का संक्रमण, डायरिया और टीबी सर्वाधिक जानलेवा रोग थे। 2016 में जानलेवा रोगों की श्रेणी में शीर्ष तीन रोग श्वांस संक्रमण, सीओपीडी और हृदय रोग रहे।
जयपुर के दो डॉक्टरों का योगदान
आईसीएमआर की यह रिपोर्ट देश के लगभग 200 से अधिक जाने—माने डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से लिखी है। इस रिपोर्ट को लिखने में जयपुर के भी दो प्रमुख डॉक्टरों का योगदान रहा है। एसएमएस के पूर्व सीएमओ डॉक्टर डॉ वीरेंद्र सिंह शामिल हैं।
प्रदूषण राजस्थान में सबसे बड़ा हत्यारा बनकर उभर रहा है। इनडोर प्रदूषण और माइनिंग इंडस्ट्री का प्रदूषण जानलेवा बना हुआ है। यहां स्वाइन फ्लू के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। यह भी एक अध्ययन का विषय है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह, अस्थमा रोग विशेषज्ञ
Published on:
19 Feb 2018 10:13 am
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