प्रेम और भाइचारे के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाले होली के पर्व पर राजस्थान की धरा भी रंगों से सरोबार हो उठी। प्रदेश में लोगों ने डीजे की धुन पर डांस करके होली खेली और एक-दूसरे के गुलाल लगाई। वहीं आदिवासी अंचल में पारम्परिक नृत्यों की धूम मची रही। गुलाल से रंगे लोगों ने खास अंदाज में सेल्फी लेकर खुशियों में चार चांद लगा दिए।
होली व धुलण्डी के दिन सड़कों से लेकर घर के आंगन तक रंग-बिरंगी गुलाल उड़ती रही। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक होली के जश्न में शामिल हुए। इस त्योहार पर महिलाओं ने भी जमकर होली खेली।
होली के पहले दिन यानि बुधवार रात्रि के समय शुभ मुहुर्त में होलिका दहन किया गया। इससे पहले महिलाओं द्वारा होलिका दहन स्थल पर जाकर पूजा अर्चना की। होली के दहन के वक्त धान का भोग लगाया गया। लोगों ने अपने-अपने घरों में नए धान को लेकर प्रवेश किया। आज गुरुवार को धुलण्डी का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर पूरे दिन चारों तरफ रंग और गुलाल उड़ती रही।
होली व धुलण्डी को लेकर प्रदेशभर में सुरक्षा की चाक-चौबंध व्यवस्था रही। होली खेलने के दौरान शरारती तत्वों द्वारा किसी प्रकार की कोई घटना न हो। इसके लिए पुलिस प्रशासन चौंकन्ना रहा। शहर के गली-चौराहे पुलिस की नजरों में बने रहे।