5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

SMS Hospital Fire : एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर आइसीयू में कैसे लगी आग? ICU इंचार्ज ने किया खुलासा

SMS Hospital Fire : सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर (एसएमएस अस्पताल) के ट्रोमा सेंटर के सेकंड फ्लोर पर रविवार देर रात आइसीयू में आग लग गई। एसएमएस अस्पताल में कैसे लगी आग, इसका हुआ खुलासा। जानें आईसीयू इंचार्ज ने क्या कहा?

2 min read
Google source verification
How did Fire Break out in Jaipur SMS Hospital Trauma Centre ICU in-charge reveals
Play video

एसएमएस अस्पताल जयपुर के ट्रोमा सेंटर आइसीयू में लगी आग का दर्दनाक दृश्य। पत्रिका फोटो

SMS Hospital Fire : सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर के ट्रोमा सेंटर के सेकंड फ्लोर पर रविवार देर रात 11.30 बजे आइसीयू में आग लग गई। आग अतनी भीषण थी कि कुछ ही देर में 8 गंभीर मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में दो महिलाएं और चार पुरुष मरीज हैं। आईसीयू में भर्ती कुछ मरीजों ने बताया कि धुआं उठते ही काफी देर पहले इसकी सूचना आईसीयू में मौजूद स्टाफ और वार्ड Žबॉय को दी थी। अब सवाल है कि एसएमएस अस्पताल में आग कैसे लगी। आईसीयू इंचार्ज दीनदयाल ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी है।

आईसीयू इंचार्ज ने कहा, शॉर्ट सर्किट से आग

आईसीयू इंचार्ज दीनदयाल ने बताया कि रात करीब 11.30 बजे बिजली के तारों में से धुआं निकला। कुछ पल बाद ही चिंगारियों के साथ आग की लपटें निकली। आग की लपटें देख मरीजों के परिजन चिल्लाने लगे। घटना के समय सिर में चोट लगने से 11 मरीज आईसीयू में भर्ती थे। कोई मरीज वेंटीलेटर पर था तो कोई ऑ€सीजन के सहारे। सभी मरीजों को बाहर निकालने में करीब 20 से 30 मिनट लग गए।

अस्पताल में आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं

आईसीयू इंचार्ज दीनदयाल ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए अस्पताल के वार्ड के खिड़की व दरवाजे तोड़े गए। आग की लपटों पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा था। अस्पताल में आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं होने पर आग धीरे-धीरे भयावह हो गई।

जलने व दम घुटने से हुई मौत - प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी

एसएमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि आग भीषण थी और जलने व दम घुटने से छह लोगों की मौत हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने परिजन की मदद से कई मरीजों को बड़ी मश€कत से सुरक्षित बाहर निकाला। अस्पताल के बाहर सड़क पर ही मरीजों के बेड लगाए गए। मरीजों की आंखों में बीमारी से ज्यादा आग का खौफ नजर आया।