Rajasthan Monsoon News: जयपुर। राजस्थान की जीवनरेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध ने राज्य के जल इतिहास में कई महत्वपूर्ण क्षण दर्ज किए हैं। टोंक जिले के देवली उपखंड में स्थित यह बांध न सिर्फ जयपुर, अजमेर और टोंक जैसे शहरों की प्यास बुझाता है, बल्कि सिंचाई और जल संरक्षण की दृष्टि से भी बेहद अहम है।
बीसलपुर बांध का निर्माण वर्ष 1996 में हुआ था। इसके निर्माण के पीछे उद्देश्य था — पेयजल और सिंचाई दोनों की जरूरतों को पूरा करना। यह बांध करीब एक करोड़ से ज्यादा लोगों की जीवनरेखा बना हुआ है।
बांध का जलस्तर जब अधिकतम सीमा को पार कर जाता है, तब उसके गेट खोले जाते हैं। अब तक बीसलपुर बांध सात बार छलक चुका है और हर बार यह राज्य के लोगों के लिए एक खुशी का संकेत रहा है कि अब पेयजल संकट नहीं रहेगा।
क्रम संख्या | तिथि | वर्ष |
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पहली बार | 18 अगस्त | 2004 |
दूसरी बार | 25 अगस्त | 2006 |
तीसरी बार | 19 अगस्त | 2014 |
चौथी बार | 10 अगस्त | 2016 |
पांचवीं बार | 19 अगस्त | 2019 |
छठी बार | 26 अगस्त | 2022 |
सातवीं बार | 06 सितम्बर | 2024 |
बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। 23 जून 2025 की सुबह छह बजे तक जलस्तर 312.47 आरएल मीटर दर्ज किया गया, यानी अब यह लगभग 3 मीटर पीछे है। यदि मानसून इसी तरह सक्रिय रहा तो संभावना है कि इस साल यह आठवीं बार छलक जाएगा और इसके गेट खोलने की स्थिति बन सकती है।
पेयजल के लिए जयपुर, अजमेर और टोंक जैसे शहरों की निर्भरता बीसलपुर पर ही है। ऐसे में इस साल भरपूर बारिश से जल संकट कम होने की उम्मीद जगी है।
Updated on:
23 Jun 2025 04:59 pm
Published on:
23 Jun 2025 04:58 pm