
जयपुर। स्वायत्त शासन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कार्मिकों को लेने का मामला गरमाया हुआ है। मंत्री झाबर सिंह खर्रा की स्वीकृति के बाद विभाग निकाय के लिए करीब चार हजार कर्मचारी ले रहा है। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि मंत्री ने ही पहले निकायों, विकास प्राधिकरणों में प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों को अपने मूल विभाग भेज दिया था, लेकिन अब यू-टर्न लेकर इसकी हरी झंडी दे दी। इस निर्णय का कई संगठन भी विरोध कर रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका ने प्रतिनियुक्ति के इस विवाद की जड़ को जानने के लिए मंत्री से सीधे बात की। खर्रा ने कहा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जो कर्मचारी जड़ें जमाकर बैठे थे, उन्हें निकालना जरूरी था, इसलिए मूल विभाग भेजा। निकायों में कर्मचारियों की कमी है इसलिए दोबारा प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। हालांकि, सरकार की मंशा है कि प्रतिनियुक्तियों की आड़ में चहेते कार्मिकों को उपकृत करने के मामले रुकें और भ्रष्टाचार की स्थिति भी नहीं पनपे। विभागों में जरूरत के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया शुरू हो।
Q सवाल: जब आपने ऐसे कार्मिकों को हटाने के निर्देश दिए, तब आकलन नहीं किया था?
जवाब: सब कुछ जानकारी में था, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय से कुंडली लगाकर बैठे कर्मचारियों को बाहर करना जरूरी था। भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए। इसलिए सफाई जरूरी थी।
Q सवाल: तो क्या नई भर्ती नहीं होगी?
जवाब: नई भर्तियों के लिए प्रक्रिया चल रही है। जैसे-जैसे भर्ती होती जाएगी, वैसे-वैसे प्रतिनियुक्ति खत्म करते जाएंगे।
Q सवाल: कई विभागों ने प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा दी, जबकि वहां भी कार्मिकों की कमी है।
जवाब: उनकी जरूरत तो वे ही बता सकते हैं। हमारे यहां काम प्रभावित रहे थे, इसलिए इस दिशा में आगे बढ़े।
Q सवाल: क्या प्रतिनियुक्ति पर कार्मिकों को लेने के अपने आदेश दिए हैं?
जवाब: निकायों में कर्मचारियों की कमी है, काम प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए कुछ समय के लिए प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी ले रहे हैं।
Q सवाल: क्या आप आश्वस्त हैं कि अब भ्रष्टाचार नहीं होगा?
जवाब: जो भ्रष्टाचार करने की सोचेगा भी, उससे सती से निपटेंगे। हटाए गए किसी भी कार्मिक को प्रतिनियुक्ति पर नहीं लिया जाएगा।
Published on:
05 Jan 2025 04:51 pm
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