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Road Safety: राजस्थान में 4 दिन में शराब पीकर वाहन चलाने पर 2949 चालकों पर ताबडतोड कार्रवाई

Safe Driving: तेज गति और नियम उल्लंघन पर पुलिस की सख्ती, हजारों वाहन चालकों पर कार्रवाई। ड्राइविंग लाइसेंस निरस्तीकरण से लेकर वाहनों की सीजिंग तक, विभागों की संयुक्त मुहिम तेज।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Nov 08, 2025

road safety in Rajasthan traffic

Traffic Awareness: जयपुर। राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर में सड़क सुरक्षा को लेकर चलाया जा रहा 15 दिवसीय अभियान बड़े स्तर पर असर दिखा रहा है। 4 से 18 नवम्बर तक चलने वाले इस अभियान के तहत चार दिन में पुलिस, परिवहन, चिकित्सा एवं अन्य विभागों ने मिलकर व्यापक कार्रवाई और जनजागरण किया है।

अभियान के दौरान पुलिस विभाग ने यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। 4 से 7 नवम्बर तक शराब पीकर वाहन चलाने पर 2949, तेज गति से वाहन चलाने पर 16,160, गलत दिशा में चलने पर 10,888, खतरनाक ड्राइविंग पर 1199, बिना रिफ्लेक्टर 2863 तथा बिना नंबर प्लेट वाले 6269 चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस अवधि में 1 लाख 33 हजार 988 नागरिकों को सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के पालन के प्रति जागरूक किया गया।

राज्य के राजमार्गों पर एनएच-48 मॉडल के अनुरूप लेन ड्राइविंग सिस्टम लागू करने के लिए पुलिस द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया और नियमों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने व्यावसायिक वाहन चालकों की नेत्र जांच के लिए विशेष शिविर लगाए। 7 नवम्बर तक कुल 2279 चालकों की आंखों की जांच की गई, जिनमें से 402 जरूरतमंद चालकों को चश्मे वितरित किए गए।

वहीं, परिवहन विभाग ने नियम तोड़ने वालों पर सख्ती दिखाते हुए अब तक 6552 वाहनों के चालान किए हैं। इनमें ओवरलोडिंग के 453, मालवाहक वाहनों में यात्री पाए जाने पर 163 तथा अन्य नियमों के उल्लंघन में 4356 चालान शामिल हैं। यात्री वाहनों के 845 चालान भी किए गए। इस दौरान विभाग ने 163 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए, 33 वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए और 333 वाहनों को सीज किया।

सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा सड़क किनारे झाड़ियाँ हटाने, स्पीड ब्रेकरों की मरम्मत, चेतावनी संकेतक लगाने और अनाधिकृत कट बंद करने जैसे कार्य किए जा रहे हैं। वहीं नगरीय विकास एवं निकाय विभाग ने सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने, रोड लाइट्स दुरुस्त करने और निराश्रित पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजने जैसे कदम उठाए हैं।

राज्य सरकार का यह समन्वित प्रयास सड़क सुरक्षा को जनआंदोलन में बदलने की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो रहा है।