
Jaipur News : घर से निकलने वाले कचरे से अब निगम बिजली बनाएगा। इसकी तैयारियां निगम स्तर पर जोरों पर चल रही हैं। इसके अलावा जल्द ही कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (सीएंडडी) वेस्ट का प्लांट चालू हो जाएगा। उम्मीद है कि इससे सड़क किनारे लगे मलबे के ढेर भी नहीं दिखेंगे। वहीं शहरी सरकारों को दोहरा फायदा होगा क्योंकि ये कम्पनियां कचरा उठाएंगी और यूजर चार्ज का 50 फीसदी निगम को देंगी।
निगम अधिकारियों के मुताबिक वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में एक हजार टन कचरे से रोजाना 12 मेगावाट बिजली बनेगी। लांगड़ियावास में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तैयार होना शुरू हो गया है। करीब 15 हैक्टेयर जमीन निगम ने उपलब्ध करवाई है। जो बिजली बनेगी, उसे डिस्कॉम 7.31 रुपए प्रति यूनिट में खरीदेगा। इस प्रोजेक्ट पर 182 करोड़ रुपए खर्च होंगे और निगम 25 करोड़ रुपए देगा। निगम जो कचरा देगा, उसका 66 रुपए प्रति टन के हिसाब से शुल्क भी वसूलेगा। यानी निगम को प्रति माह 19.60 लाख रुपए भी मिलेंगे। यह प्लांट मई, 2025 में चालू हो जाएगा।
लांगड़ियावास में प्लास्टिक के कचरे से ईंधन बनाने वाला रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल प्लांट वर्ष 2008 से चल रहा है। इसकी क्षमता 350 टन है, लेकिन 220 टन कचरा ही मिल पा रहा है।
एमआरएफ प्लांट: मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) प्लांट भी डेढ़ हैक्टेयर में विकसित किया जा रहा है। 300 टन कचरा प्रतिदिन फर्म होटल और रेस्टोरेंट से एकत्र करेगी। निगम को कम्पनी 15.50 रुपए प्रति टन की रॉयल्टी भी देगी। 14 करोड़ रुपए प्लांट में खर्च होंगे और निगम 10 करोड़ रुपए खर्च करेगा। प्लांट लगाने वाली कम्पनी यूजर चार्ज के साथ कचरा संग्रहण करेगी, जिसका 50 फीसदी निगम कोष जमा होगा।
सीएनडी वेस्ट प्लांट: इसका काम अंतिम दौर में चल रहा है। अप्रैल में इसे चालू कर दिया जाएगा। लांगड़ियावास में बन रहे इस प्लांट में प्रतिदिन 300 टन सीएंडडी वेस्ट का निस्तारण होगा। इसे 2.5 हैक्टेयर में विकसित किया गया है। यहां टाइल से लेकर बजरी बनाई जाएगी। जल्द ही निगम एक हेल्पलाइन नम्बर जारी करेगा। उस नम्बर पर फोन कर शहरवासी कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट को उठवा सकेंगे। इसकी दर जल्द तय की जाएगी।
प्लांट की नियमित निगरानी की जा रही है। तय समय में इसको भी पूरा किया जाएगा। -आशीष गर्ग, एक्सईएन प्रोजेक्ट, हैरिटेज निगम
Published on:
20 Feb 2024 12:16 pm
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