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Jaipur Crime : फर्जी आइडी से किराए पर लेते थे लग्जरी कारें, फिर नशा तस्करों को बेच देते, 5 बदमाश गिरफ्तार

Jaipur Crime : जयपुर में फर्जी आइडी से लग्जरी कारें किराए पर लेकर नशा तस्करों को बेचने के मामले का खुलासा करते हुए करधनी थाना पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

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Jaipur Crime Fake ID used Rent Luxury Cars then Sell Drug Smugglers 5 Miscreants Arrested

फर्जी आईडी से गाड़ियां किराए पर लेकर नशा तस्करों को बेचते थे बदमाश

Jaipur Crime : जयपुर में फर्जी आइडी से लग्जरी कारें किराए पर लेकर नशा तस्करों को बेचने के मामले का खुलासा करते हुए करधनी थाना पुलिस ने पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनसे चोरी की दो लग्जरी कारें बरामद की हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अलवर जेल में बैठे आका जयंत के निर्देश पर फर्जी आइडी से गाड़ियां उठाते थे।

बाद में रुपए आपस में बांट लेते

डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मनीष यादव (24 वर्ष) कोटपूतली, रामलाल (60 वर्ष) सरदारशहर चूरू, अंशु सिंह (26 वर्ष), कर्मवीर सिंह उर्फ मोनू बन्ना (33 वर्ष) कोटपूतली और विजय कुमार उर्फ बिज्जू (44 वर्ष) सावा चूरू का रहने वाला है। यह गैंग फर्जी आइडी से किराए पर ली लग्जरी कारों को विजय साहवा के जरिए औने-पौने दामों में नशे के तस्करों को बेच देते। बाद में रुपए आपस में बांट लेते।

मामले में कई आरोपी फरार, पुलिस कर रही है तलाश

प्लान के अनुसार अंशु, कर्मवीर, भैरव और उसके दो साथी आए। जयंत की ओर से भेजे गए बदमाश ने कारें ली और विजय साहवा को एक एसयूवी 1 लाख 90 हजार रुपए और दूसरी 2 लाख 90 हजार में दे दी। कुल 4 लाख 80 हजार में से 3 लाख 90 हजार जयंत के बदमाश को दे दिए। पुलिस ने उनके कब्जे से कारें बरामद कर ली। मामले में कई आरोपी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

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यह है मामला

पीड़ित राजेंद्र सिंह ने 9 मार्च को रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बताया कि उसके घर लालचंदपुरा से जानकार रवि गुर्जर एसयूवी गाड़ी को किसी काम के लिए लेकर गया था। उससे उसके जानकार मोहित सोनी व संदीप यादव शादी में जाने की कहकर कार सीकर ले गए। उन्होंने अभी तक कार नहीं लौटाई है। गाड़ी का जीपीएस देखा तो वह बंद आ रहा है। इस पर एडिशनल डीसीपी आलोक सिंघल, थानाधिकारी सवाई सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जांच में सामने आया कि मोहित ने दो गाड़ियां मनीष यादव को दी थी। इसके बाद से उसका फोन बंद है और उसकी ओर से दी गई आइडी भी फर्जी पाई गई। टीम ने कार्रवाई करते हुए मनीष, रामलाल, अंशु सिंह, कर्मवीर सिंह और विजय कुमार साहवा को गिरफ्तार कर लिया।

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यों बनाया प्लान

पुलिस पूछताछ में मनीष ने बताया कि जयंत यादव मर्डर केस में अलवर जेल में बंद है। मुलाकात के दौरान जयंत ने कहा था कि मेरा एक दोस्त आएगा, जिसके साथ तुझे जयपुर से किराए पर कार लेनी है। फर्जी आइडी की व्यवस्था वह कर देगा। इस पर उसने मोहित को फर्जी आइडी देकर दो एसयूवी कार किराए पर ले ली। बाद में जयंत के भेजे गए बदमाश के साथ दोनों गाड़ियां लेकर चला गया। जयंत ने सीकर के आस-पास यह कारें अंशु सिंह, कर्मवीर सिंह को देने के लिए कहा, जिस पर दोनों गाड़ियां उन्हें दे दी। टीम ने अंशु सिंह व कर्मवीर सिंह को दस्तयाब कर पूछताछ की। अंशु ने बताया कि एनडीपीएस के मुकदमे में वह अलवर जेल में बंद था, तभी उसकी जयंत से मुलाकात हुई थी। कुछ दिन बाद उसकी जमानत हो गई। खर्चे के लिए रुपए की जरूरत होने पर फर्जी आइडी से कारें किराए पर लेकर बेचने का प्लान बनाया।

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