
Jaipur Discom Update : जयपुर डिस्कॉम के तहत आने वाले शहर के बिजली सब डिवीजनों में मासिक राजस्व वसूली के लक्ष्य पूरे करने के लिए इंजीनियर और मीटर रीडर मिलकर मनमर्जी की मीटर रीडिंग भर रहे हैं। इसके चलते बिजली चोरी, काटे गए कनेक्शनों और बंद घरों के मामलों में शत-प्रतिशत राजस्व वसूली के नाम पर उपभोक्ताओं पर अधिक बिजली बिल थोपे जा रहे हैं। उपभोक्ता आश्चर्यचकित हैं कि उनके घर में बिजली के उपकरणों की संख्या नहीं बढ़ी और न ही बिजली की खपत में कोई विशेष बदलाव आया, फिर भी पिछले कुछ महीनों में उनका मासिक बिल 1500 से 2000 रुपए तक बढ़ गया है। इस मामले में बताया जा रहा है कि अधिकारियों के आदेश पर, कटे हुए कनेक्शनों और बिजली चोरी के मामलों में वसूली के लिए मीटर रीडर मनमर्जी की रीडिंग भर रहे हैं।
डिस्कॉम के इंजीनियरों का कहना है कि मीटर रीडर अक्सर यह दावा करते हैं कि घर पर कोई नहीं मिला और फिर ऑफिस में बैठकर ही अनुमानित रीडिंग भर देते हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर 50 से 100 यूनिट या उससे अधिक का अतिरिक्त बिल थोप दिया जाता है। यह प्रक्रिया जयपुर शहर के सभी सब डिवीजनों में लगातार चल रही है।
इंजीनियरों ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे हर महीने अपनी बिजली खपत की यूनिट्स का पिछला और वर्तमान पठन जरूर देखें। हालांकि, डिस्कॉम के बिलों की भाषा इतनी जटिल और उलझी हुई है कि न सिर्फ आम उपभोक्ता, बल्कि कई बार बिजली कर्मचारी भी इसे समझने में परेशानी महसूस करते हैं।
पत्रिका ने इस संबंध में डिस्कॉम के इंजीनियरों से बात की, जिन्होंने स्वीकार किया कि उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में बढ़ोतरी का कारण शत-प्रतिशत राजस्व वसूली का दबाव है। इंजीनियरों के अनुसार, मीटर रीडर विभिन्न सब डिवीजनों में 100 से 200 उपभोक्ताओं के बिलों में मनमर्जी की रीडिंग भरकर उन्हें अधिक बिल भेज रहे हैं।
Published on:
12 May 2025 07:09 am
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