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दिवाली पर इस बार क्या है खास… सिर्फ इतने रुपए में मिल रहा है IPL में चलने वाला खास हवाई पटाखा

Jaipur Diwali New Firecrackers Market: इसी आधार पर अब जयपुर शहर के लगभग सभी इलाकों में दुकानें सजने लगी है और बिक्री शुरू हो गई है। इस बार पटाखों की कई नई रेंज भी आई है जो पिछले सालों की तुलना अलग है।

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Diwali fireworks

Diwali News: दिवाली की चमक के साथ इस बार पटाखों का बाजार भी जगमगा रहा है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए केवल ग्रीन पटाखों पर ही अधिक फोकस है। राजस्थान सरकार और जयपुर प्रशासन ने पटाखों की बिक्री और उपयोग के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे अवैध व्यापार पर नकेल कस गई है। शहर के प्रमुख बाजारों जैसे चांदपोल, सांगानेर और सीकर रोड पर अस्थायी पटाखा दुकानें सज रही हैं, जहां लोग कम प्रदूषण वाले पटाखों की खरीदारी कर रहे हैं।

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार इस बार भी करीब दो हजार से भी ज्यादा आवेदन पटाखा शॉप के लिए आए हैं। इनमें से करीब पंद्रह सौ के आसपास को अनुमति दी गई है। इसी आधार पर अब जयपुर शहर के लगभग सभी इलाकों में दुकानें सजने लगी है और बिक्री शुरू हो गई है। इस बार पटाखों की कई नई रेंज भी आई है जो पिछले सालों की तुलना अलग है।

आतिशबाजी में फुलझड़ियां, अनार, बम और रॉकेट जैसी वैरायटी उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत दस रूपए से शुरू हो गई है। हवाई आतिशबाजी की काफी बड़ी रेंज बाजार में हैं जिसमें प्रति नग की कीमत सौ रुपए से शुरू होकर दस हजार रूपए तक भी उपलब्ध है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में 15.20 फीसदी ज्यादा बिक्री की उम्मीद हैए खासकर बच्चों के लिए लो.नॉइज पटाखों की डिमांड बढ़ी है। बच्चों के लिए भी सेफ पटाखे बाजार में हैं। इनमें नई वैरायटी भी शामिल है। अधिकतर दुकानों पर शिवाकाशी से ही माल की सप्लाई हो रही है।

जयपुर शहर में चांदपोल, किशनपोल, बड़ी चौपड़, हवामहल बाजार और रामगंज क्षेत्र में सबसे अधिक दुकानें हैं। इसके अलावा मानसरोवर, मालवीय नगर और सांगानेर क्षेत्र में भी पटाखों के बड़े बाजार खुल गए हैं। सभी दुकानदारों को बीस से तीस दिन के लिए अस्थायी लाइसेंस दिया जाता है जो दिवाली के बार स्वतः ही समाप्त हो जाता है। नियमों का उल्लघंन करने वालों पर दस हजार रुपए तक का जुर्माना और लाईसेंस रद्द करने जैसे दंड शामिल हैं। दुकानदारों को यह भी कहा गया है कि वे बच्चों को पटाखे ना बेचें, उनके साथ आने वाले अभिभावकों के हिसाब से ही माल कि बिक्री करें। कमिश्नरेट से लाइसेंस जारी होने के बाद भी नियमों पर नजर रखने और अवैध पटाखों की बिक्री को काबू करने के लिए पुलिस कमिश्नर ने पुलिस टीमें बनाई हैं।


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