
जयपुर में बढ़ी वाहन चोरी की वारदातें, चोरों संग पुलिस। पत्रिका फोटो
Jaipur Crime : जयपुर में चोर मौज-मस्ती और शौक पूरे करने के लिए वाहन चोरी कर रहे हैं। पुलिस पूछताछ में कई आरोपी साफ कहते हैं कि, वे गाड़ियां उठाकर उन्हें बेच देते हैं या इस्तेमाल कर छोड़ जाते हैं, ताकि मिले पैसों से पार्टी, नशा और ऐशो-आराम कर सकें। इस 'शौकिया चोरी' की कीमत आमजन चुका रहा है। मेहनत से खरीदी गई बाइक, स्कूटी या कार कुछ मिनटों में गायब हो जाती है और मालिक महीनों तक थानों व बीमा कंपनी के चक्कर काटते रहते हैं।
पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच (सीएसटी) ने जवाहर नगर और मोतीडूंगरी में तीन वाहन चोरों को पकड़ा और दो बाइक बरामद कीं। उधर, करधनी थाना पुलिस ने भी तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार कर बाइक व स्कूटी बरामद की। पकड़े गए आरोपियों में पूछताछ में यही बात सामने आई कि वे शौक पूरे करने के लिए चोरी करते हैं।
डीसीपी (क्राइम) अभिजीत सिंह ने बताया कि वाहन चोरी के मामले में रवि बैरवा (30 वर्ष) निवासी हसनपुरा, रौनक (20 वर्ष) निवासी ट्रांसपोर्ट नगर और नरेन्द्र कुमार उर्फ डेमो (22 वर्ष) निवासी गलता गेट को गिरफ्तार किया है। आरोपी आदतन अपराधी हैं और नशे व मौज-मस्ती के लिए वाहन चुराते हैं। रवि के खिलाफ 12 और नरेन्द्र के खिलाफ 7 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। करधनी थाना पुलिस ने करधनी निवासी बादल सोनी, विशाल वर्मा और संजय तिवाड़ी को भी गिरफ्तार किया।
पिछले दिनों वैशाली नगर में सीएसटी ने नवलगढ़ के अजीतपुरा, हाल बिंदायका निवासी साहिल पूनिया (25) को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि, महंगी बाइक चलाने के शौक के लिए वह चेारी करता था। आरोपी से 9 लाख रुपए कीमत की दो बाइक बरामद की गई है।
भैरू मीणा वाली घाटी आमेर रोड निवासी राजेश मीणा की 29 अगस्त को सिंधी कॉलोनी सत्कार मैरिज गार्डन राजापार्क से बाइक चोरी हो गई। वहीं, बेंगलूरु निवासी प्रभात सिंह की बाइक 27 अगस्त को अभिषेक अस्पताल, गणेश मंदिर के सामने से चोरी हो गई।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2025 में पुलिस कमिश्नरेट के पूर्व जिले में 1026, पश्चिम में 597, उत्तर में 240 और दक्षिण जिले में 948 दोपहिया वाहन चोरी हुए। चौपहिया वाहनों में पूर्व जिले में 102, पश्चिम में 65, उत्तर में 41 और दक्षिण जिले में 45 चोरी हुए। वाहन चोरी की सर्वाधिक वारदात पूर्व जिले में लगातार कई वर्षों से हो रही हैं, लेकिन पुलिस इन चोरियों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला कि वे नशे और मौज-मस्ती के लिए वाहन चुराते हैं। इस 'शौकिया चोरी' की कीमत आमजन चुका रहा है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि, एक लाख रुपए की बाइक महज पांच-दस हजार रुपए में बेच दी जाती है। गाड़ी में कोई कमी होने पर कीमत और कम हो जाती है। वारदात में शामिल ज्यादातर 18 से 30 साल के युवक शामिल हैं।
1- गाड़ी में अतिरिक्त सुरक्षा लॉक लगाएं।
2- अंधेरी व सुनसान जगहों पर पार्किंग से बचें।
3- मोहल्लों में सामूहिक सीसीटीवी कैमरे लगवाएं।
4- संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
Published on:
07 Sept 2025 09:58 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
