
वर्षों से वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे जयपुर के इस ऐतिहासिक बांध पर अब कृत्रिम बरसात करवाई जाएगी। देश में पहली बार एयरक्राट जैसे ड्रोन से 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे बारिश करवाई जाएगी, जिसकी ट्रायल प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
Artificial Rain at Ramgarh Dam: रामगढ़ बांध को फिर से जल से लबालब करने की कोशिशें की जा रही हैं। वर्षों से वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे जयपुर के इस ऐतिहासिक बांध पर अब कृत्रिम बरसात करवाई जाएगी। देश में पहली बार एयरक्राट जैसे ड्रोन से 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे बारिश करवाई जाएगी, जिसकी ट्रायल प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रविवार को कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अमरीकी कंपनी के अधिकारियों और भारतीय मौसम वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और जरूरी निर्देश दिए।
हालांकि कृत्रिम वर्षा के लिए प्रयोग किए जाने वाले ड्रोन को अभी डीजीसीए की अंतिम अनुमति नहीं मिली है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से क्लियरेंस के बाद ड्रोन को अधिक ऊंचाई पर उड़ाया जा सकेगा।
रामगढ़ बांध क्षेत्र में बादलों की गतिविधियों पर वैज्ञानिक नजर रख रहे हैं। नासा के उपग्रह, आइएमडी के रडार और चलित वेदर स्टेशन सिस्टम के जरिए बादलों की स्थिति को ट्रैक किया जा रहा है। आगामी 15 दिनों तक ट्रायल किए जाएंगे। मौसम की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए बादलों में सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों का छिड़काव किया जाएगा।
रामगढ़ बांध पर आगामी 31 जुलाई को दोपहर में वैज्ञानिक कृत्रिम बारिश कराने का प्रयोग करेंगे। बताया जा रहा है कि यह देशभर में पहला प्रयोग होगा और सफल होने पर सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी कृत्रिम बारिश करवाकर सूखे से बड़ी राहत मिल सकेगी।
ऑपरेशन के तहत रामगढ़ बांध पर बरसात करवाने के लिए 31 जुलाई से 15 दिन तक ड्रोन से ट्रायल किया जाएगा। उसके तहत सभी के तरह के डेटा परीक्षण के बाद कृत्रिम बरसात करवाई जाएगी। बांध क्षेत्र में 4 किलोमीटर ऊंचाई तक प्रतिदिन दो बार ड्रोन उड़ाए जाएंगे। ड्रोन की सटीकता से सोडियम क्लोराइड का छिड़काव कर बादलों से 60 बरसात करवाई जाएगी।
Published on:
28 Jul 2025 08:21 am
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