
जयपुर में नशे के ठिकानों की गूगल मैप पर लोकेशन, पत्रिका फोटो
Patrika Nasha Mukti Sangram campaign: जयपुर। नशीले मादक पदार्थों पर देश में कड़ा प्रतिबंध है। इनका खरीदना बेचना बड़ा अपराध है, लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि उनकी लोकेशन गूगल मैप पर भी मिल रही है। पत्रिका टीम ने नशीले पदार्थों का ठिकाना खोजने के लिए गूगल मैप पर 'स्कोरिंग पॉइंट' टाइप किया तो ठिकानों की लंबी लिस्ट सामने आ गई। यानी एक तरफ पुलिस, प्रशासन, कानून सभी नशे के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बाते करते हैं और दूसरी तरफ गूगल प्लेटफॉर्म पर ये ठिकाने सेव है। पत्रिका टीम ने सात लोकेशन पर जाकर सच्चाई पता की तो पूरे कारोबार का खुलासा भी हो गया।
न्यू सांगानेर रोड मोहन नगर में मैप के हिसाब से पहुंचे तो यहां एक दुकानदार से पूछा कि माल कहां मिलेगा। दुकानदार ने इशारा करते हुए कहा कि अगले मकान में मिल जाएगा। यहां रिपोर्टर को महिला ने गांजे की पुड़ी दी। महिला ने रिपोर्टर से पूछा कि किसने भेजा है, तो रिपोर्टर ने किसी का नाम लेकर पुड़ी मांगी। महिला ने 200 रुपए मांगे और अपने घर के अंदर से तुरंत एक पुड़ी लाकर हाथों में थमा दी। इस ठिकाने पर बहुत चहल-पहल होने के बावजूद महिला धड़ल्ले से अवैध काम कर रही थी।
किरण विहार, अर्जुन नगर में एक मिठाई की दुकान पर बुजुर्ग से पूछा कि यहां पुड़ी कहां मिलती है। बुजुर्ग बोले, सामने वाली गली में अंतिम घर में बाहर बैठी एक महिला मिलेगी। रिपोर्टर महिला के पास पहुंचा तो बोली, "आज नहीं मिलेगा, यहां आसपास गाड़ियां घूम रही हैं, किसी और दिन आना।"
मालवीय नगर के सेक्टर 10 सब्जी मंडी में सेवन इलेवन फार्मेसी के ठीक पीछे वाली गली में दुकानों के बीच एक शीशे का दरवाजा बना हुआ था, लोगों की आवाजाही दिखी। रिपोर्टर ने घर में मौजूद अधेड़ उम्र की महिला से पूछा कि माल है क्या। महिला बोली, अभी तो नहीं है, बाद में आना।
गीतांजली कॉलोनी नेहरू नगर में मैप के हिसाब से ठिकाना ढूंढने में दिक्कत आई तो रिपोर्टर ने बच्चों से पुड़ी के बारे में पूछा। बच्चों ने बताया कि काले गेट वाले घर में एक आंटी ये सब देती है। उनके पास सब कुछ मिल जाएगा। यहां बहुत से लोग आते हैं और माल लेकर जाते हैं। बच्चों ने ठिकाना बताने में मदद की और लाल सूट पहने आंटी की ओर इशारा करते हुए कहा कि यही देती है माल। आंटी से रिपोर्टर ने जब माल मांगा तो उसके पास खड़े युवक ने डांटते हुए कहा, अभी सब बंद चल रहा है, बाद में आना।
गणपतपुरा मान्यावास पते के इस ठिकाने पर भी ताला लगा हुआ था। उसी समय वहां एक युवक पहुंचा जो आए दिन यहां से गांजा लेकर जाता था। उसने बताया कि आज पहली बार यहां ताला लगा हुआ है। यहां तो बहुत धड़ल्ले से माल बिकता था, उसने बताया कि राजस्थान पत्रिका ने तीन-चार ठिकानों का नाम छाप दिए हैं। इसके चलते यहां ताला लगा हुआ है। उसे लत लगी है, शहर में बहुत ठिकाने हैं, कहीं तो मिल जाएगा।
Published on:
13 Dec 2025 11:48 am
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