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जयपुर में RTE स्कूलों का सच उजागर: पहले पोर्टल पर बताई नर्सरी कक्षा, अब एडमिशन से कर रहे इनकार, हजारों बच्चे वंचित

जयपुर के स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश का सच उजागर हुआ है। आरटीई पोर्टल पर बताया गया कि नर्सरी कक्षा में प्रवेश दिया जा रहा है, जब प्रवेश के लिए गए तो इनकार कर दिया गया।

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 24, 2025

Jaipur RTE Schools

Jaipur RTE Schools (Photo-AI)

Jaipur News: राजधानी जयपुर के स्कूल आरटीई के तहत प्रवेश देने से बचने के लिए अभिभावकों से झूठ बोल रहे हैं। ऐसे कई स्कूलों का सच अब धीरे-धीरे उजागर हो रहा है।


बता दें कि आरटीई पोर्टल पर स्कूलों ने नर्सरी कक्षा संचालित होने की सूचना दी है, लेकिन चयनित बच्चों को वहीं स्कूल प्रवेश देने से इनकार किया जा रहा है। स्कूलों का तर्क है कि नर्सरी कक्षा संचालित नहीं है।


अभिभावकों की शिकायतों के बाद ही यह सच सामने आया है। राजधानी में करीब दो हजार बच्चे आरटीई में चयनित होने के बावजूद प्रवेश से वंचित हो रहे हैं।


शिक्षा मंत्री की चुप्पी


शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से आरटीई के तहत प्रवेश की लॉटरी निकाली गई थी। विभाग ने लाखों बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश देने का दावा किया, लेकिन अब मंत्री ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।


संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन के अनुसार, अभिभावकों ने मंत्री आवास पर प्रदर्शन किया और ज्ञापन भी दिया। इसके बावजूद विभाग ने केवल नोटिस देकर स्कूलों को प्रवेश देने की चेतावनी दी, जबकि स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।


पांच महीने से बच्चे कर रहे इंतजार


शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस जारी करने के बाद भी स्कूल आरटीई के तहत चयनित बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। हाल ही में विभाग ने 21 स्कूलों को नोटिस जारी किए थे। कम स्कूलों को नोटिस जारी करने पर विरोध के बाद अब विभाग ने 22 और स्कूलों को नोटिस थमाए हैं। इन स्कूलों को आरटीई में चयनित बच्चों को प्रवेश देने के लिए पाबंद किया गया है। वहीं, विभाग की ओर से कुछ स्कूलों पर की जा रही कार्रवाई का अभिभावक संघों ने विरोध भी किया है।


नोटिस के बाद भी नहीं हुए प्रवेश


संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने बताया कि राजधानी जयपुर के 21 निजी स्कूलों को अंतिम चेतावनी स्वरूप नोटिस दिए गए थे। अब 22 और स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिन 21 स्कूलों को पहले नोटिस दिए गए थे, उन्होंने अब तक दाखिले नहीं किए। शिक्षा विभाग ने सात दिन की मोहलत दी थी, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।