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जानें कौन हैं जयपुर के जंगजीत? जिन्होंने जापान, थाईलैंड और चीन को दी मात…बहन सना भी दो बार बनी स्टेट चैंपियन

Shuttler player Jangjeet Kajla: जयपुर के 16 वर्षीय शटलर जंगजीत काजला ने चीन में हुई एशियन जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत देश का नाम रोशन किया। यादवेंद्र सिंह से 8 साल की उम्र में बैडमिंटन सीखना शुरू किया था।

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जयपुर

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Arvind Rao

Nov 09, 2025

Jaipur Shuttler player Jangjeet Kajla

Shuttler player Jangjeet Kajla (Patrika Photo)

जयपुर: गर्मी की छुट्टियों में टाइम पास करने के लिए मैं अपने पापा के साथ एसएमएस स्टेडियम गया था। वहां सभी मैदानों पर खिलाड़ी अलग-अलग खेलों का अभ्यास कर रहे थे। मैंने पापा से कहा कि मैं बैडमिंटन खेलना चाहता हूं। पापा वहां मुझे यादवेंद्र सर के पास ले गए। उन्होंने मुझे बैडमिंटन का ककहरा सिखाया।

कोर्ट पर उतरने के बाद मैं किसी भी खिलाड़ी से कभी डरा नहीं, क्योंकि वहां जाने के बाद एक ही टारगेट रहता है और वह है जीत। मैंने चीन में आयोजित एशियन जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। पत्रिका से विशेष बातचीत में जयपुर के 16 वर्षीय युवा शटलर जंगजीत काजला ने उक्त बातें कही।

राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन कोच यादवेंद्र सिंह के अनुसार, जंगजीत काजला बहुत ही प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। यह जब मेरे पास आया, तब यह मात्र 7 वर्ष का था और समर वेकेशन के समय आया था। मैंने जब इससे पूछा कि तुम रेगुलर आओगे, तब कहा कि सर अभी तो वेकेशन है, बाद में बता पाऊंगा।

तब मैंने कहा कि तुम रेगुलर आओ, तुम अच्छे खिलाड़ी बन सकते हो। क्योंकि मैंने शुरुआत से ही इसकी शॉट सलेक्शन आदि नोट की। वेकेशन के बाद इसे भी खेलने में अच्छा लगने लगा और यह नियमित प्लेयर बन गया। अभी मात्र 16 वर्ष की उम्र में वर्ल्ड के टॉप टूर्नामेंट में देश के लिए ब्रॉन्ज जीतना वाकई काबिले तारीफ है। भविष्य में भी यह राज्य और देश का नाम रोशन करेगा।

जंगजीत ने बताया कि चीन के चेंगदू यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित एशियन जूनियर बैडमिंटन चैपियनशिप में मैंने और रमेश की जोड़ी ने अपना पहला मुकाबला जापान की आई. मत्सुशित्ता एवं के मत्सुशिता की जोड़ी से 21-15, 21-17 से हराकर जीता। उसके बाद थाईलैंड की जोड़ी पी लाओलापा एवं एन बूनसुपुथ के साथ मैच में हम भारी पड़े और 21-16, 21-17 से मुकाबला जीत क्वार्टर फाइनल में पहुंचे।

क्वॉर्टर फाइनल में हमें चीन के खिलाफ वॉकओवर मिला और हम सेमीफाइनल में पहुंच गए। वहां हमारा मुकाबला चाइनीज ताइपाइ (ताईवान) की जोड़ी आई बैंग एवं वाई येंग की जोड़ी से था। मुकाबला बेहद संघर्षपूर्ण था और हमने कुछ सिली मिस्टेक्स कीं और मैच 21-17, 21-18, 21-16 से हार गए।

बहन सना भी दो बार बनी स्टेट चैंपियन

जंगजीत ने कहा कि मैं अभी तक दस से अधिक नेशनल टूर्नामेंट जीत चुका हूं। अंडर-16 में मेरी अभी एआइआर सिंगल्स में छठी है और डबल्स में भी छठी रैंकिंग है। जबकि अंडर-17 में फर्स्ट रैंकिंग और डबल्स में छठी रैंक है। मुझे परिवार का पूरा सपोर्ट खेलने में मिला।

मेरी बहन सना भी दो बार स्टेट चैंपियन रही है। वह अंडर-19 में मिक्स डबल्स में दो विजेता रही हैं। मैं अभी भुवनेश्वर और जयपुर दोनों जगह कोचिंग ले रहा हूं। जब भी जयपुर आता हूं यादवेंद्र सर के पास ही तैयारी करता हूं।

यहां केके शर्मा सर, मनोज दासोत सर और अतुल गुप्ता सर का भी मुझे काफी सहयोग मिलता है। क्योंकि बैडमिंटन काफी महंगा खेल है। इसमें शूज ही 15-15 हजार के आते हैं। इसके अलावा शटल और बैडमिंटन रैकेट आदि सभी में सहयोग की जरूरत होती है।