14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

SMS हॉस्पिटल से बड़ी खबर: इमरजेंसी में हार्ट की जांच बंद, मरीजों की सांसों पर संकट

राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सवाई मानसिंह की इमरजेंसी में इन दिनों हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। यहां इमरजेंसी में दिखाने आने वाले और भर्ती मरीजों को जांच के लिए हॉस्पिटल से बाहर प्राइवेट लैब में भेजा जा रहा है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Arvind Rao

Dec 14, 2025

Jaipur SMS Hospital

SMS Hospital (Patrika Photo)

जयपुर: सवाई मानसिंह अस्पताल की इमरजेंसी में हार्ट की जांच के लिए की जाने वाली एनटी प्रो बीएनपी टेस्ट बंद होने के कारण मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक, जांच किट उपलबध नहीं होने के कारण यह जांच नहीं हो पा रही है।

बता दें कि अस्पताल से बाहर इस जांच के लिए मरीज को 2200 रुपए से 2600 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। तेज सर्दी के मौसम में बड़े बुजुर्ग और हार्ट के पुराने मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।

सामान्य दिन की तुलना में ज्यादा सर्दी में हार्ट पेशेंट को परेशानी ज्यादा आती है। इमरजेंसी में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों के मुताबिक, यहां जांच के लिए किट मंगवाने की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टॉफ की है। किट मंगवाने के लिए बोल दिया है।

सर्दी के मौसम में सामान्य दिनों की तुलना में हार्ट पेशेंट्स को अधिक परेशानी होती है। यही वजह है कि इन दिनों कार्डियक ओपीडी और इमरजेंसी में सांस फूलने, सीने में दर्द सहित अन्य गंभीर शिकायतों वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में प्रारंभिक जांच के बाद ट्रॉप-टी और NT-ProBNP जैसी महत्वपूर्ण जांचें इमरजेंसी में ही की जाती हैं, जिनके आधार पर आगे का इलाज तय होता है।

लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SMS की इमरजेंसी में बीते दो-तीन दिनों से ये जरूरी कार्डियक जांच बंद पड़ी हैं। इमरजेंसी में तैनात कर्मचारियों के अनुसार, जांच किट मंगवाने की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टॉफ की होती है। नर्सिंग इंचार्ज गोवर्धन छुट्टी पर चले गए और उन्होंने चार्ज नर्सिंग कर्मचारी विजय को सौंपा, लेकिन विजय भी बिना किसी अन्य को जिम्मेदारी सौंपे छुट्टी पर चले गए। इसी लापरवाही का नतीजा यह रहा कि जांच किट खत्म हो गई और इमरजेंसी में जरूरी जांचें ठप हो गईं।

इमरजेंसी के इंचार्ज डॉ. सतीश मीणा ने बताया, उन्होंने हाल ही में ही इमरजेंसी का चार्ज संभाला है। मरीजों की शिकायत मिलने पर जब स्टॉफ से जांच बंद होने का कारण पूछा गया, तो पता चला कि नर्सिंग के दोनों इंचार्ज छुट्टी पर हैं और किट उपलब्ध नहीं है। इसके बाद तुरंत स्टोर से संपर्क कर किट जारी करने के निर्देश दिए गए हैं और किट आते ही जांच दोबारा शुरू कर दी जाएगी।

यह घटना SMS जैसे बड़े अस्पताल की प्रबंधन व्यवस्था और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या इमरजेंसी जैसी संवेदनशील व्यवस्था दो कर्मचारियों की छुट्टी पर निर्भर होनी चाहिए? दूरदराज से इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती होने के बावजूद बाहर जांच के लिए भेजा जाना न सिर्फ आर्थिक बोझ बढ़ाता है, बल्कि इलाज में देरी का खतरा भी पैदा करता है।


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग