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5 मंजिला इमारत के हिलते ही हिला सिस्टम, मालिक का दावा-अनुमति ली थी, अब ढहाने की तैयारी

जयपुर शहर के मालवीय नगर में शनिवार को निर्माणाधीन इमारत में दरारें आने की घटना ने इलाके में दहशत फैला दी। घटना ने शहर में बन रही बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में सिस्टम के गठजोड़ और खामियों को उजागर ​कर दिया है।

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मालवीय नगर में 5 मंजिला ​बिल्डिंग से दहशत, पत्रिका फोटो

Jaipur Building: जयपुर। शहर के मालवीय नगर में शनिवार को निर्माणाधीन इमारत में दरारें आने की घटना ने इलाके में दहशत फैला दी। घटना ने शहर में बन रही बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में सिस्टम के गठजोड़ और खामियों को उजागर ​कर दिया है। गिरधर मार्ग पर निर्माणाधीन 5 मंजिला इमारत को झुकने से बचाने के लिए जेडीए ने दो हाइड्रोलिक क्रेन लगाई हैं और संभवतया आज इमारत को ढहाने की कार्रवाई की जाएगी ।

ये है पूरा मामला

मालवीय नगर के गिरधर मार्ग पर निर्माणाधीन इमारत के जगह छोड़ने की सूचना ने आस-पास के इलाके दहशत फैला दी। आस-पास के मकान, अस्पताल और प्रतिष्ठान खाली करवा लिए गए। लोग घरों के बाहर बैठे रहे। शनिवार दोपहर एक बजे खुद निर्माणकर्ता ने प्रशासन को बिल्डिंग के जगह छोड़ने की सूचना दी। इसके बाद निगम-जेडीए और नागरिक सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंच गए। बिल्डिंग को झुकने से बचाने के लिए दो हाईड्रोलिक क्रेन से रोका गया। मौके पर बेसमेंट, ग्राउंड और चार मंजिल बिना जेडीए की अनुमति से बना ली गई थी। शाम को जोन की परफोर्मा रिपोर्ट के आधार पर देर शाम को प्रवर्तन शाखा ने नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। सूत्रों की मानें तो रविवार को इमारत को गिराने की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, निर्माणकर्ता का दावा है कि उसने निगम से अनुमति ली है।

तकनीकी पहलू का नहीं रखा ध्यान

जेडीए अभियंताओं की मानें तो बेसमेंट के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही थीं। इसके लिए खुदाई शुरू की। खुदाई बेसमेंट के पिलर तक पहुंच गई। ऐसे में इमारत का कुछ झुकाव सड़क की ओर हुआ और दूसरी ओर जिस इमारत से सटकर निर्माण किया जा रहा था, वहां दरार आ गई।

जिम्मेदार को नहीं दिखी इमारत

जोन के प्रवर्तन अधिकारी किशन भंडारी के पास इसकी जिम्मेदारी है। स्थानीय लोगों की मानें तो पांच माह से इमारत बन रही है। मुख्य सड़क पर बन रही इस इमारत पर उनकी निगाह क्यों नहीं पड़ी? वे अभी छुट्टियों पर चल रहे हैं।

हरकत में आई प्रवर्तन शाखा

गिरधर मार्ग पर कई और निर्माण चल रहे हैं। इस घटना के बाद प्रवर्तन शाखा सक्रिय हुई और आस-पास बन रहीं इमारतों के कागजात खंगालना शुरू कर दिए। कुछ भवन मालिकों ने कागज दिखाए और कुछ नहीं दिखा पाए। माना जा रहा है कि इनको भी जेडीए अब जल्द नोटिस जारी करेगा। क्योंकि कुछ के पास निर्माण की स्वीकृति नहीं है और कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने आवासीय स्वीकृति ले रखी है और व्यावसायिक निर्माण किया जा रहा है।

ये लिखा परफोर्मा रिपोर्ट में

जोन एक की परफोर्मा रिपोर्ट में लिखा कि दरार आने से जान माल की हानि की आशंका है। निर्माण जेडीए की बिना स्वीकृति के किया जा रहा था। भूखंड का पट्टा आवासीय है और जो निर्माण हो रहा है कि वो व्यावासयिक प्रतीत होता है। सेटबैक को नापा जाना संभव नहीं है। इमारत क्रेन के सहारे है। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रवर्तन शाखा ने नोटिस जारी कर दिया।

जोन उपायुक्त बचतीं रहीं

जोन उपायुक्त देविका तोमर मौके से उच्च अधिकारियों को फोन पर अपडेट देती नजर आईं। हालांकि, इस मामले में वे सीधे जवाब देने से बचती नजर आईं। उनसे फोन से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो बात नहीं हो पाई। वहीं, मैसेज किया तो उसका भी उन्होंने जवाब नहीं दिया।

निगम में जमा करवाया है पैसा

मुझे पड़ोस की इमारत और अपनी इमारत में स्पेस आ रहा था तो पुलिस और प्रशासन सूचना दी। आर्केटेक्ट अनिल गुप्ता को बुलाया वो मौके पर नहीं आए। आर्केटेक्ट ने हमें निगम से अनुमति दिलाई है। इसके लिए हमने तीन किस्तों में 1.24 लाख रुपए जमा करवाए हैं। 223 गज प्लॉट में हमने 100 वर्ग गज में निर्माण कराया है। बेमसेंट के लिए सीढ़ियों का निर्माण कराने के लिए खुदाई करवाई जा रही थी। -हैप्पी गुरनानी, भूखंडस्वामी

जिम्मेदार ये बोले

जोन की रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किया है। बिल्डिंग अब सुरक्षित नहीं है। ऐसे में इसे अगले एक दो दिन में गिराने की कार्रवाई की जाएगी। -राहुल कोटोकी, पुलिस, उप महानिरीक्षक