24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सर्दी में दो घंटे तक चंद घंटे पहले जन्मे जुडवा और मां एंबुलेंस में पडे रहे, परिजन करते रहे गुहार, नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल

परिजनों के हंगामा करने पर किया भर्ती

2 min read
Google source verification
jaipur

बांसवाड़ा. चंद घंटे पहले खमेरा अस्पताल में पैदा हुए जुड़वा और उनकी मां को शुक्रवार को डाक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने से पैदा हुए हालात में यहां एमजी अस्पताल परिसर में सर्द मौसम में दो घंटे से भी अधिक समय तक एम्बुलेंस में पड़े रहना पड़ा। परिजनों ने नर्सिग स्टॉफ से लेकर वहां मौजूद दंत चिकित्सक से भर्ती करने की मनुहार की, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा और चिकित्सकों के अवकाश का हवाला देकर भर्ती नहीं किया। बाद में हंगामा करने पर दोनों मासूमों और प्रसूता को भर्ती किया गया। नवजातों की नाजुक हालत देखकर खमेरा से रैफर किया गया था।

यह भी पढें : 25 दिन बाद ही डॉक्टरों का फिर हडताली आंदोलन शुरू

हंतु पत्नी शांतिलाल ने शुक्रवार सुबह साढ़े चार बजे खमेरा आदर्श पीएचसी में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। नवजात बच्चों का वजन कम होने एवं उनकी नाजुक स्थिति को देखते हुए सुबह 6 बजे महात्मा गांधी चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। परिजन बच्चों एवं नवप्रसूता को लेकर चिकित्सालय के मातृ शिशु वार्ड में करीब साढ़े सात बजे पहुंच गए, लेकिन उन्हें भर्ती करने के लिए कोई चिकित्सक नहीं था, इसके चलते दो घंटे से भी अधिक समय तक वह एम्बुलेंस में ही रहने को मजबूर हुए। परिजन कार्यरत स्टॉफ से उन्हें भर्ती करने के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। इसके बाद करीब 10 बजे परिजनों के हंगामा करने पर चिकित्सालय प्रशासन ने आनन-फानन में बच्चों को एफबीएनसी वार्ड में भर्ती किया, वहीं प्रसूता को महिला वार्ड में भर्ती किया गया।

यह भी पढें : गैस पर गर्म करने के लिए दी चाबी और लॉकर कर दिया साफ

संक्रमण का था डर
नवजात बच्चों के पैदा होने के 48 घंटे का समय बहुत नाजुक माना जाता है और उनकी सार संभाल बहुत आवश्यक है। ऐसे में यदि उनको संक्रमण हो जाए तो उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है। बावजूद इसके नवजात बच्चों को भर्ती करने में आनाकानी की गई।