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RIP Pt. Birju Maharaj : जयपुर को हमेशा याद रहेगा घुंघुरुओं की छन-छन के साथ कथक का वो गज़ब तालमेल

RIP Kathak Dancer Pandit Birju Maharaj : पंडित बिरजू महाराज... स्मृति शेष, जयपुर की वो यादगार शाम, हर किसी को किया मंत्रमुग्ध, राजस्थान फेस्टवल के तहत दी थी लाजवाब प्रस्तुति, मोहपाश में बांध गया था घुंघरुओं के साथ कत्थक का तालमेल , अब कभी नहीं सुनाई देगी घुंघरुओं की वो छन-छन...  

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Kathak Dancer Pandit Birju Maharaj died Latest News and Updates

जयपुर।

जाने-माने कथक नर्तक पद्म विभूषित पंडित बिरजू महाराज ( Kathak Dancer Pandit Birju Maharaj ) अब हमारे बीच नहीं रहे। भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले इस शख्सियत का हार्ट अटैक आने के चलते निधन हो गया। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए क्षति मानी जा सकती है जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में जन्में कत्थक सम्राट ने अपने जीवन काल के आखिरी समय तक भी नृत्य की इस विधा को संजोय रखा।


पंडित बिरजू महाराज के इस दुनिया से रुखसत होने पर आज उनकी वो बेहतरीन परफॉर्मेंस को याद किया जा रहा है, जो उन्होंने राजधानी जयपुर में भी मार्च 2018 के दौरान दी थी।मौक़ा राजस्थान फेस्टिवल का था और आयोजन स्थल था रामनिवास बाग स्थित मसाला चौक।


भारतीय नृत्य की कथक शैली के आचार्य और लखनऊ के ‘कालका-बिंदादीन‘ घराने के इस ख़ास शख्सियत ने इस दौरान ताल और घुँघुरूओं का ऐसा बेहतरीन तालमेल के साथ कथक नृत्य पेश किया, कि दर्शकों का मन जीत लिया। कार्यक्रम का वहां उपस्थित सैंकड़ो दर्शको ने आनन्द उठाया था।

कार्यक्रम में पंडित जी के शागिर्दों ने भी प्रस्तुतियां दी थीं, लेकिन पंडित बिरजू महाराज ने जो ताल की थापों और घुँघुरूओं की रुझान को महारास के माधुर्य में तब्दील कर दिया था उसने वहां मौजूद हर किसी को अपने मोहपाश में बांध दिया था। जयपुर की उस यादगार शाम को भले ही लगभग चार साल बीत रहे हों, लेकिन शहर के कला प्रेमी उस कार्यक्रम को हमेशा अपनी स्मृतियों में रखेंगे।