यह है मामला मातृ एंव शिशु कल्याण केन्द्र में लैब टेक्निशियन का पद चिकित्सा विभाग की ओर से सेंक्शन नहीं किया हुआ है। जबकि अधिकतर स्थानों पर यह पद स्वीकृत है। मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना शुरू होने के बाद से ही चिकित्सा केन्द्र पर लैब के लिए संविदा पर कर्मचारी रखे जा रहे हैं। लेकिन संविदा पर कार्यरत एक लैब टेक्निशियन और एक लैब सहायक का कार्यकाल ३१ मार्च को पूरा हो जाने के बाद से ही कोई टेक्नीशियन अब तक नहीं लगाया गया है। विभाग के आदेश पर नई संविदा जारी होने के बाद यहां नियुक्ति होगी।
न कार्यकाल बढ़ाया न नियुक्ति हुई प्रतिदिन १५० से ज्यादा मरीजों की ओपीडी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बहुतायत और क्षेत्र के नजदीकी मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र पर संविदा पर काम कर रहे दोनों लैब तकनीशियनों का ३१ मार्च को कार्यकाल पूरा होने के बाद मरीजों की सहूलियत के उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया। न ही सप्ताह भर से यहां किसी अन्य लैब तकनीशियन को प्रतिनियुक्ति पर लगाया। परेशानी यह है कि नई नियुक्ति होने तक केन्द्र पर जांच नहीं हो पा रही ऐसे में महिलाएं और शिशुओं का इलाज भी थम सा गया है। केवल मौसमी बीमारियों की दवाएं दी जा रही हैं। वहीं निजी लैब पर जांच बहुत ज्यादा महंगी होने के कारण सभी इसे करवा भी नहीं पा रहे।
ये बोले जिम्मेदार रामगंज चौपड़ मातृ एंव शिशु कल्याण केन्द्र एवम चिकित्सालय की प्रभारी डॉ. मीना आहूजा ने कहा की हमारी ओर से निदेशालय को स्थाई पद सृजित करने के लिए सूचित करवाया जा चुका है। स्थाई लैब तकनीशियन की यहां बहुत जरूरत है। आजकल मेरा असिस्टेंट यहां पर मरीजों की जांचे कर रहा है। रही बात लैब में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों की तो इसके लिए ६ अप्रेल को निदेशक को पत्र लिखकर लैब वर्कर की डिमांड भी की गई है। १६ अप्रेल को हमारी एमआरएफ का गठन होने वाला है। जिसमें डिप्टी सीएमएचओ अध्यक्ष होंगे। इसके लिए हम फिर से निदेशालय को कहेंगे। वहां से एक्सटेंशन अप्रूवल होने के बाद ही संविदा कर्मचारी रख सकेंगे।
इधर जनता परेशान चौकड़ी रामचंद्रजी विकास समिति जयपुर के अध्यक्ष हाजी निजामुद्दीन ने बताया की काफी समय से यह चिकित्सालय अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहा है। यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। बीते आठ दिनों से यहां पर मरीजों की जांच नहीं हो पा रही। लैब रूम बंद पड़ा है। मरीजों को बाहर से जांचें करवानी पड़ रही हैं। जो कर्मचारी संविदा पर लैब में जांच करते थे उन कर्मचारियों का कार्यकाल बढ़ाया जाए ताकि यहां आने वाले मरीजों की समय पर जांच हो सके।