मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है जोकि अपने हाथों में कमलपुष्प के साथ ही शंख, चक्र और गदा भी रखती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई उनकी पूजा का महत्व बताते हुए कहते हैं कि सिद्धिदात्री के आशीर्वाद से सभी सुख-समृद्धि मिल जाती हैं।
मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को लाल और पीला या केसरिया रंग पसंद है। इसलिए मां सिद्धिदात्री की पूजा करते समय लाल या केसरिया रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। फिरोजी रंग के वस्त्र पहनकर भी इनकी उपासना की जा सकती है। मां को कमल पुष्प अर्पित करें।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार नारियल, नैवेद्य, पंचामृत उनके मनपसंद भोग हैं. माता को खीर बहुत पसंद है. नवमी के दिन तिल का भोग लगाकर जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। इससे दुर्घटनाओं से बचाव के साथ ही मौत का खौफ भी खत्म होता है।
मां सिद्धिदात्री के सरल मंत्र व स्तुति:
1.
अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा,
कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।
मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले;
भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।
2.
ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।
3.
मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम
4.
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।