जल जीवन मिशन घोटाले में गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री महेश जोशी की जमानत अर्जी पर आज ईडी कोर्ट में सुनवाई होगी। महेश जोशी वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में हैं और उनकी हिरासत की अवधि आज समाप्त हो रही है। ईडी ने महेश जोशी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर प्रकरण में गिरफ्तार किया था।
दो बार मिल चुकी है अंतरिम जमानत..
महेश जोशी को पत्नी के निधन के आधार पर पहले दो बार अंतरिम जमानत दी जा चुकी है। लेकिन अब वह दोबारा स्थायी जमानत की मांग कर रहे हैं। ईडी कोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान उनके वकील और ईडी के अधिवक्ताओं के बीच बहस की संभावना है।
ईडी ने गंभीर आरोप लगाए..
पिछली सुनवाई में ईडी की ओर से अधिवक्ता अजातशत्रु ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सह आरोपियों के बयान और जांच के अनुसार रिश्वत की रकम सीधे महेश जोशी तक पहुंचाई जाती थी। इसके अलावा, जोशी के बेटे की फर्म को भी आरोपियों की फर्म से लाखों रुपये का भुगतान हुआ है। ईडी का तर्क है कि पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं और यदि जोशी को जमानत मिलती है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
जोशी के वकील ने उठाए सवाल..
पिछली सुनवाई में महेश जोशी के अधिवक्ताओं ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जिस अभियंता को गवाह बनाया गया है, उसी ने ठेकेदारों से रिश्वत ली, तो उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गवाहों की वीडियोग्राफी क्यों नहीं की गई। जब जोशी के खिलाफ नोटिस एक साल पहले ही जारी किया गया था तो गिरफ्तारी में इतनी देर क्यों की गई।
यह है मामला..
जलदाय विभाग में वर्ष 2021 में 2 कम्पनियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे। इन 2 कम्पनियों के नाम श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी थे। इनके ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने अपनी इन 2 कम्पनियों से करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 निविदाओं में हिस्सा लिया। जिनमें से 31 टेंडर में एल-1 बोलीदाता बनकर 859.2 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए। वहीं श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में हिस्सा लिया और 73 में एल-1 बनकर 120.25 करोड़ रुपए के टेंडर प्राप्त किए।
Published on:
13 Jun 2025 12:00 pm