राजस्थान सरकार ने पूर्व में मंडी के बाहर फसलों की खरीद फरोख्त करने वाले व्यापारियों को टैक्स से राहत दी थी। उन्हें मंडी टैक्स जमा करवाने से बाहर कर दिया था। जिसके चलते कृषि उपज मंडी के भी अनेक व्यापारी मंडी की बजाय बाहर अधिक व्यापार करने लगे थे। जिससे राज्य सरकार को राजस्व हानि पहुंच रही थी। ऐसे में अब राज्य सरकार ने दुबारा से मंडी टैक्स जमा करवाने के लिए आदेश जारी किए हैं तो इससे मंडी के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
यह लगेगा टैक्स
गेहूं, घी व अन्य पर 1.60 प्रतिशत, तेल उत्पाद सरसों, मूंगफली व अन्य पर एक प्रतिशत, मक्का, बाजरा सहित मोटे अनाज पर 50 पैसा प्रति क्विंटल टैक्स देना होगा। टैक्स व्यवस्था को लेकर कृषि विपणन की ओर से सभी मंडी सचिवों को आदेश जारी किए हैं। वहीं अगर मंडी के बाहर फसलों का व्यापार करने वाले व्यापारी की ओर से मंडी में टैक्स नहीं जमा करवाया जाता है तो उसके खिलाफ सम्बंधित मंडी सचिव जांच कर व्यापारी पर दो से तीन गुणा जुर्माना लगा सकेंगे।