
जयपुर। राजस्थान के भरतपुर में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह से सैनिक कल्याण बोर्ड के एक अधिकारी द्वारा सेना के दिवंगत जवान के माता-पिता को बेइज्जत कर समारोह से निकाल दिए जाने का शर्मनाक मामला सामने आया है।
इस अशोभनीय हरकत के बाद दिवंगत सैनिक के माता पिता फूट-फूटकर रोए और समारोह से बेइज्जत होकर घर लौट आए। गौरतलब है कि समारोह में शामिल होने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से दिवंगत सैनिक की वीरांगना पत्नी के नाम से बाकायदा वीरांगनाओं और शहीद के परिवारजन को दिया जाने वाला निमंत्रण कार्ड भेजा गया था लेकिन उसकी तबियत खराब होने की वजह से उसकी जगह माता-पिता समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।
पता चला है कि यह शर्मनाक वाकया रूपवास क्षेत्र के बरौली ब्राह्मण गांव के निवासी दिवंगत सौरभ कटारा के माता-पिता के साथ हुआ। सौरभ कटारा आर्मी 200 फील्ड रेजिमेंट में तैनात थे। उनकी पोस्टिंग कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) में थी। 23 दिसंबर 2019 को वह अपने एक साथी के साथ पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान आतंकियों ने उनकी कार पर हमला कर दिया था। 24 दिसंबर 2019 को उपचार के दौरान सेना के अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
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जिस दिन सौरभ की मौत हुई उससे 10 दिन पहले ही उनकी शादी हुई थी और 24 दिसंबर को उनका जन्मदिन था। इस घटना के बारे में जब सौरभ के परिजनों को पता लगा तो सौरभ के घर में कोहराम मच गया, लेकिन सौरभ की मौत के बाद उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया गया। सौरभ को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए सौरभ के परिजन नेता और अधिकारियों के चक्कर काटते रहे, लेकिन जब वह अधिकारी और नेताओं के दरवाजे खटखटा कर परेशान हो गए तो सौरभ के परिजनों ने एक साल पहले अदालत का दरवाजा खटखटाया।
Published on:
16 Aug 2023 06:59 pm
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