8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शहीद सुरेंद्र मोगा के परिवार को नहीं मिला ‘उचित मुआवजा’, भजनलाल सरकार पर लगाए गंभीर आरोप; जानें क्यों

Martyr Surendra Moga: ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान शहीद हुए भारतीय वायु सेना के जवान सुरेंद्र मोगा के परिवार ने राजस्थान सरकार पर शहीदों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है।

2 min read
Google source verification
Martyr Surendra Moga family

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Martyr Surendra Moga: ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान शहीद हुए भारतीय वायु सेना के जवान सुरेंद्र मोगा के परिवार ने राजस्थान सरकार पर शहीदों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान सरकार ने उनको पर्याप्त मुआवजा और सम्मान नहीं दिया है। वहीं, परिवार ने इस मामले को लेकर शहीदों के प्रति सरकारी नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं।

दरअसल, 10 मई को उधमपुर एयर बेस पर ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान एक पाकिस्तानी ड्रोन के छर्रे लगने से सुरेंद्र मोगा शहीद हो गए थे। वह भारतीय वायु सेना के 16वें विंग में चिकित्सा सहायक के रूप में 2021 से तैनात थे और इस ऑपरेशन में राजस्थान के एकमात्र शहीद थे। शहीद के पीछे उनकी पत्नी सीमा मोगा, दो बच्चे वर्तिका (2) और दक्ष (7) और मां रह गए हैं। पिता का पहले ही निधन हो चुका है।

बता दें, इस घटना के समय परिवार उधमपुर में था। सुरेन्द्र के शहीद होने के बाद झुंझुनू के मंडावा स्थित अपने पैतृक गांव मेहरदासी लौट आया था।

खुले पत्र में पीड़ा जाहिर की

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार अब परिवार ने राजस्थान सरकार को संबोधित एक खुले पत्र में अपनी पीड़ा व्यक्त की है। पत्र में कहा गया कि सरकार ने शहीद के परिवार को केवल 5 लाख रुपये की प्रारंभिक राहत राशि दी, लेकिन इसके बाद कोई अतिरिक्त मुआवजा पैकेज घोषित नहीं किया गया। परिवार ने इसकी तुलना बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों से की है, जहां शहीदों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।

शहीद की पत्नी सीमा मोगा ने कहा कि मेरे पति ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका सम्मान अन्य शहीदों के समान होना चाहिए। यह सिर्फ पैसों की सहायता का सवाल नहीं, बल्कि हमारे परिवार की गरिमा का भी सवाल है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि उनके पति के बलिदान को अन्य शहीदों के समान महत्व दिया जाए।

सरकार ने दिया केवल आश्वासन

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार न केवल मुआवजे की घोषणा करे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि शहीदों के परिवारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो। परिवार ने बताया कि शहीद के अंतिम संस्कार में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा शामिल हुए थे। दोनों ने परिवार को जल्द मुआवजा और सहायता का आश्वासन दिया था। हालांकि, परिवार का कहना है कि इसके बाद सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अधिकारी नहीं दे रहे कोई जवाब

शहीद के चचेरे भाई राजेश मोगा ने कहा कि हमने जयपुर में उपमुख्यमंत्री के कार्यालय से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हमें जनसुनवाई में आने को कहा गया। क्या यह एक शहीद के परिवार का अपमान नहीं है? परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मेहरदासी गांव का दौरा किया था और मदद का वादा किया था। लेकिन अभी तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। राजेश मोगा ने बताया कि परिवार ने बार-बार सरकारी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।