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जयपुर। अजमेर रोड पर हीरापुरा बस स्टैंड शिफ्टिंग करने से पहले विरोध हो रहा है। आज जयपुर में प्राइवेट बस संचालकों की ओर से हड़ताल कर दी गई है। बस ऑपरेटर्स ने आरटीओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज से अचानक अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है।
आल राजस्थान कान्ट्रेक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि शुक्रवार शाम को अचानक आरटीओ की ओर से उनकी बसों के चालान किए गए। यात्रियों को लेकर जा रहीं बसों को रोका जाने लगा। बस ऑपरेटर्स को आरटीओ की ओर से प्रताड़ित किया गया। जिसके बाद अचानक यूनियन की ओर से हड़ताल करने का निर्णय लिया गया। अन्यथा हमारी हड़ताल करने का समय एक अगस्त तय था।
इस हड़ताल के कारण जयपुर से चलने वाली और यहां आने वाली करीब 1000 से ज्यादा प्राइवेट और स्लीपर बसों का संचालन ठप हो गया है। इसका सीधा असर दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, इंदौर, भोपाल जैसे बड़े रूट्स पर देखने को मिल रहा है। हजारों यात्री बस अड्डों, होटल लॉबी में और सड़कों पर नजर आ रहे है। अधिकांश यात्रियों को न तो हड़ताल की सूचना थी, न ही वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो पाए। जिसके कारण यात्री बड़ी संख्या में परेशान हो रहे है। यात्रियों की सबसे बड़ी समस्या यह रही कि अचानक सेवा बंद होने से पहले से की गई बुकिंग्स बेकार हो गईं। कई लोग ट्रेन टिकट या होटल बुकिंग मिस कर बैठे।
एसोसिएशन के महामंत्री प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि जयपुर से आने जाने वाली करीब एक हजार प्राइवेट बसें है। हर दिन करीब 50 हजार लोग इनमें यात्रा करते है। करीब दो करोड़ से ज्यादा का हर दिन हड़ताल के कारण नुकसान होना तय है।
बस आपरेटर्स का कहना है कि रात के समय हीरापुरा क्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट न होना, एक बड़ी चिंता का विषय है। यात्रियों को ओला-उबर जैसी सेवाओं के लिए 500 से 1000 रुपए तक चुकाने पड़ेंगे, जो कि अधिकांश बस किराए से अधिक है। इतना किराया तो अजमेर जाने का भी बसों में नहीं लगता है। हीरापुरा बस स्टैंड पर न तो वेटिंग एरिया है, न पार्किंग, न शौचालय और न ही महिला यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं।
यूनियन ने रेड बस और अभी बस जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बुकिंग होल्ड करने और ऑफलाइन टिकटिंग बंद करने का फैसला किया है। जिसकी वजह से अब किसी भी प्लेटफॉर्म पर बसों की बुकिंग बंद कर दी गई है। हमदाबाद, सूरत, नासिक व अन्य शहरों में जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस हड़ताल से रोडवेज सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। फिलहाल प्रदेश में केवल 3050 रोडवेज बसें ही संचालित हो रही हैं, जो लंबी दूरी की यात्राओं के लिए अपर्याप्त हैं। यात्रियों की बढ़ती भीड़ और बसों की कमी ने हालत और बिगाड़ दी है। अब रोडवेज की यह बसें यात्रीभार को संभाल रहीं है।
सचिव हर्षदीप सिंह ने कहा कि जब तक हीरापुरा में सुविधाएं नहीं मिलतीं, तब तक वहां से बसें नहीं चलेंगी। इस गतिरोध का हल जल्द नहीं निकला तो आने वाले दिनों में यात्रियों की परेशानी और बढ़ सकती है।
Updated on:
26 Jul 2025 08:08 pm
Published on:
26 Jul 2025 08:06 pm
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