
जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत किए जा रहे वार्षिक सत्यापन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। वर्ष 2025 में सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 91 लाख 69 हजार 765 में से 77 लाख 82 हजार 713 (84.87 प्रतिशत) पेंशनर्स का वार्षिक सत्यापन हो चुका है जबकि 13 लाख 87 हजार 52 (15.13 प्रतिशत) का वार्षिक सत्यापन नहीं हो पाया है। सत्यापन की प्रक्रिया निरंतर जारी है, पात्र व्यक्ति 31 मार्च तक सत्यापन करवा सकते हैं। सरकार ने इस सत्यापन को और अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए डिजिटल प्रक्रिया को मजबूत किया है, जिससे पात्र व्यक्तियों को उनकी पेंशन योजना का लाभ सुचारू रूप से मिलता रहे।
पेंशन सत्यापन प्रक्रिया में पहले पेंशनर्स को संबंधित कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे बुजुर्गों और दिव्यांग पेंशनर्स को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब पेंशन पोर्टल पर लॉगइन करके, OTP आधारित डिजिटल सत्यापन से यह प्रक्रिया तेज और अधिक पारदर्शी हो गई है। इसके तहत पेंशनर्स को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपने मोबाइल पर OTP प्राप्त करना होगा, जिसके बाद उनकी पहचान सत्यापित की जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि इस सत्यापन की प्रक्रिया से पेंशनर का वार्षिक सत्यापन नहीं होने पर फील्ड कार्मिक की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा उनका वार्षिक भौतिक सत्यापन किया जाएगा। भौतिक सत्यापन करते समय संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी के आधार से जुड़े मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि वार्षिक सत्यापन के समय स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा एक घोषणा का चयन करना होगा जिसमें लिखा होगा कि 'मैंने पेंशनर के दस्तावेजों को व्यक्तिश: जांच लिया है एवं पेंशनर मेरे समक्ष व्यक्तिश: उपस्थित हुआ है।' अधिकारी वंचित पेंशनर्स के सत्यापन के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। 31 मार्च तक 95 प्रतिशत तक सत्यापन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार ने यह भी कहा है कि जिन पेंशनर्स को गलत जानकारी के आधार पर पेंशन मिल रही थी, उनकी पेंशन बंद कर दी गई है। वहीं, यदि किसी पात्र व्यक्ति की पेंशन गलत तरीके से बंद हुई थी, तो उसे पुनः शुरू किया जा रहा है। इससे पेंशन वितरण प्रणाली में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहेगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य का कोई भी पात्र पेंशनर अपने हक से वंचित न रहे। सत्यापन के इस नए डिजिटल और पारदर्शी मॉडल से न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
Published on:
10 Mar 2025 04:07 pm
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