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हृदय विदारक हादसा : ट्रेन की चपेट में आई मां-बेटी, दर्दनाक मौत, स्कूल से लौट रही थी घर

 बिंदायका रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार दोपहर ट्रेन की चपेट में आने से मां-बेटी की मौत हो गई। स्कूल की छुट्टी होने के बाद शिक्षिका अपनी 8 वर्षीय बेटी को लेकर घर लौट रही थी।

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ट्रेन की चपेट में आई मां और बेटी की मौत: फोटो पत्रिका

जयपुर। बिंदायका रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार दोपहर ट्रेन की चपेट में आने से मां-बेटी की मौत हो गई। स्कूल की छुट्टी होने के बाद शिक्षिका अपनी 8 वर्षीय बेटी को लेकर घर लौट रही थी। रेलवे ट्रैक क्रॉस करते समय ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। शिक्षिका व उसकी बेटी की मौत की खबर सुनकर स्कूल व आसपास के क्षेत्र में मातम छाया। हादसे की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

सूचना पर बिंदायका हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, नरेन्द्र कुमार, कनकपुरा आरपीएफ चौकी प्रभारी हरिसिंह गुर्जर, जयपुर जीआरपीएफ एएसआई धर्मेन्द्र कुमार मय पुलिस जाप्ते के घटनास्थल पर पहुंचकर मां-बेटी के शव को कब्जे में लिया। घटनास्थल से महज 200 मीटर की दूर पर ही सरकारी स्कूल में कार्यरत थी शिक्षिका।

जांच में जुटी पुलिस

बिंदायका पुलिस ने बताया कि मृतका की शिनाख्त जयपुर के सी-स्कीम, पीएनपी कॉलोनी निवासी सुशीला सैनी (38) पत्नी श्रीराम सैनी, बेटी भाव्या सैनी (8) के रूप में हुई है। पुलिस ने इसकी सूचना परिजनों को दे दी। जीआरपीएफ आने के बाद मां-बेटी के शव को पोस्टमार्टम के सवाईमानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी।

बेटी की तबीयत खराब होने पर ले गई थी स्कूल

जानकारी के मुताबिक मृतक शिक्षिका सुशीला बिंदायका के विजयपुरा में राजकीय प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2018 कार्यरत थी। बेटी भाव्या सैनी की तबीयत खराब होने के कारण सुशीला उसे अपने साथ स्कूल ले आई थी। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद मां-बेटी घर जाने के लिए पैदल रेलवे लाइन क्रॉस कर बस में बैठने के लिए जा रही थी। अजमेर की ओर से आ रही एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से मां-बेटी दोनों की मौत हो गई।

आधे घंटे तक ट्रेक पर खड़ी रही एक्सप्रेस ट्रेन

ट्रेन की चपेट में आने से मां-बेटी के शव के चिथड़े उड़े गए। करीब आधे घंटे तक ट्रैक क्लियर होने तक उदयपुर एक्सप्रेस उसके पीछे मरूधर, वंदे भारत ट्रेन ट्रेक पर खड़ी रही। ट्रेन के लोको पायलट व रेलकर्मियों ने क्षत-विक्षित शवों को बिंदायका रेलवे फाटक पर रखवाकर ट्रैक क्लियर करवाया।