
Naresh Meena: जयपुर। देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान उपखंड अधिकारी अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद चर्चा में आए नरेश मीणा को एक मामले में राहत मिली तो दूसरे में बड़ा झटका लगा है।
जयपुर की अधीनस्थ अदालत ने छात्र राजनीति से जुड़े 20 साल पुराने मामले में बरी कर दिया। वहीं, छात्र राजनीति के समय के 13 साल पुराने एक अन्य मामले में न्यायिक अभिरक्षा (जेल) में भेज दिया।
उधर, थप्पड़ कांड व समरावता हिंसा मामले में पुलिस ने सोमवार को उनियारा एसीजेएम न्यायालय में चालान पेश कर दिया। इस बीच नरेश मीणा की जमानत याचिका हाईकोर्ट में पेश कर दी गई।
राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में करीब 20 साल पहले महासचिव पद पर चुनाव लड़े नरेश मीणा के खिलाफ छात्र नेता सुखविंदर सिंह ने 21 अगस्त 2004 को जयपुर के गांधीनगर थाने में रास्ता जाम करने सहित अन्य आरोपों को लेकर मामला दर्ज कराया।
अधिवक्ता फतेहराम मीणा ने कोर्ट को बताया कि नरेश घटना के समय काउंटिंग हॉल में था, जबकि घटना विवि के बाहर हुई। इस पर जयपुर महानगर-प्रथम क्षेत्र के न्यायिक मजिस्ट्रेट-6 न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।
वहीं 3 दिसंबर 2011 को छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन का नरेश मीणा व दो अन्य विरोध कर रहे थे। फरार होने के कारण न्यायालय ने नरेश मीणा के खिलाफ स्थाई वारंट जारी कर रखा था।
जयपुर महानगर-प्रथम क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-16 न्यायालय ने सुनवाई के बाद नरेश को न्यायिक अभिरक्षा (जेल) में भेज दिया।
देवली- उनियारा विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के समय हिंसा के मामले में नगरफोर्ट पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ सोमवार को उनियारा के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में चालान पेश किया। अब 15 जनवरी को सुनवाई होगी।
Published on:
14 Jan 2025 07:07 am
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