22 माह के बालक की जान बचाएगा साढ़े 17 करोड़ का इंजेक्शन। जरूरत है आपकी मदद की। पुलिस सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा ने गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीड़ित अपने 22 महीने के बेटे हृदयांश की जान बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस बीमारी का एकमात्र इलाज एक इंजेक्शन (Zolgensma injection) है जिसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपए है। इस अनोखी बीमारी के बारे में जेके लॉन हॉस्पिटल जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रियांशु माथुर कहते हैं हृदयांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) बीमारी का पता चला था। ऐसे बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, उनके पैरों की हरकतें और भी अधिक प्रभावित होती हैं। धीरे-धीरे इसका प्रभाव उनके हाथ और श्वसन मांसपेशियां पर पड़ता है। इसके कारण उन्हें निमोनिया होता रहता है और अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। इनमें से कई बच्चे जल्दी ही अपनी जान गंवा देते हैं।