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पसंद नहीं आ रही नई हज नीति, एम्बार्केशन प्वाइंट बंद होने से उठानी पड़ेंगी दिक्कतें, शुरू होने लगा विरोध

मुस्लिम समाज ने कहा नई नीति में काफी खामियां

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मोहम्मद तसलीमउद्दीन उसमानी / जयपुर। केन्द्र सरकार ने नई हज नीति 2018-22 पेश कर दी। लेकिन इस पर लोगों ने सवाल उठाने भी शुरू कर दिए हैं। जयपुर के मुस्लिम लोग अब नई हज नीति के विरोध में आने लगे हैं। खास तौर पर जयपुर से एम्बार्केशन प्वाइंट के बंद करने पर हाजी निजामुद्दीन का कहना है कि हमारे प्रयासों से 2005 में यहां से हज की फ्लाइट़्स शुरू हुईं थी। पूरे प्रदेश के लोगों को इससे काफी राहत मिली थी। सरकार को इसे बंद नहीं करना चाहिए। देश के जिस भी शहर से कम हज पर जाने वाले होगें वहां से ही प्रदेश के यात्रियों को जाना पड़ेगा इससे हज पर जाने वालों पर ज्यादा आर्थिक भार पड़ेगा।

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इस साल हज पर जाने वालों के टूटे सपने
नई हज नीति से लगातार चार साल से आवेदन कर रहे लोगों के सपने पल-भर में टूट गए हैं। नई नीति में इस बात की सिफारिश की गई है कि 70 साल और वह लोग जो पिछले चार सालों से हज पर जाने के लिए आवेदन कर रहे थे उनको अब इस सुविधा से वंचित कर दिया गया है। इससे इस साल जिनका हज पर जाना तय था उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। नई हज नीति में समुद्र के रास्ते पानी के जहाज से की जाने वाली यात्रा का प्रावधान दिया गया है। लेकिन जो आर्थिक रूप से सक्षम है वो ही हज कर सकता है। ऐसे में हज पर जाने वाले हवाई यात्रा की तुलना में इस व्यवस्था से कम प्रतिशत में जा पाएंगे।

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सऊदी में मिलेगा छूट का लाभ?
मुस्लिम समाज की महिलाओं को इस आदेश का कोई लाभ मिलने को लेकर संशय बरकरार है। उनका कहना है कि भारत में छूट तो मिली लेकिन सउदी अरब में इसे स्वीकार किया जाएगा कि नहीं इसे लेकर संशय है। नई हज नीति में 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को बिना महरम हज पर जाने की छूट मिलने के प्रस्ताव पर धर्मगुरूओं का कहना था कि बिना महरम के हज पर जाने की इजाजत मजहब नहीं देता है। सउदी अरब यहां के कानून को मान कर प्रवेश देगा यह संभव नहीं लगता है।

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नई नीति में काफी खामियां हैं। इसके कई प्रावधानों में बदलाव किया जाना चाहिए। इसके लिए हमने केन्द्र और राज्य सरकार को लेटर भी लिखा है। और जल्द ही इस संबंध में उनसे मिलकर इसमें बदलाव की बात करेंगें।

हाजी निजामुद्दीन, महासचिव राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी

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केन्द्र सरकार ने क्यों ऐसी नई हज नीति बनाई है समझ से बाहर है। देखना यह है कि जिन लोगों का इस बार हज पर जाने के लिए नम्बर कन्र्फम था उनके लिए अब क्या व्यवस्था करेगी सरकार
हाजी ताहिर आजाद, महासचिव जामा मस्जिद