24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मोदी सरकार का अब हज पर वार ! जयपुर, भोपाल समेत 12 शहरों से हज उड़ान नहीं!

70 साल से अधिक आयु वाले और 4 साल से लगातार आवेदन करने वालों को नहीं मिलेगी वरीयता

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Shadab Ahmed

Oct 09, 2017

haz yatra

जयपुर . केन्द्र की ओर से लाई जा रही नई हज नीति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 4 या इससे अधिक के समूह में बिना मेहरम (अकेले) हज जाने की सिफारिश की है।

यह भी पढें :जयपुर में सेना और स्थानीय लोगों में टकराव, हुए आमने—सामने


वहीं जयपुर, गुवाहाटी, श्रीनगर, रांची, नागपुर, गया, कालीकट, इंदौर, मैंगलोर, भोपाल, वाराणसी और गोवा यानी 12 शहरों से हज के लिए फ्लाइट सुविधा बंद करने की केंद्र की मंशा है। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने साफ कर दिया है कि 2018 में हज नई नीति से होगा। सिफारिशों में 45 साल से अधिक की महिलाओं को 4 या इससे अधिक के समूह में बिना मेहरम के हज पर जाने की सिफारिश पर विरोध खड़ा हो सकता है।

यह भी पढें :बस्ती में गरजे बुलडोजर, खाली दिखने लगा 'खड्डा'

इस्लाम के जानकार इसे शरीया के खिलाफ बता रहे हैं। उनका कहना है कि केन्द्र की 2013-17 की नीति में भी लिखा है कि सऊदी अरब बिना मेहरम के हज पर नहीं जाने देता है। यह नियम दुनिया भर की महिलाओं पर लागू किया जाता है। इसी तरह 70 साल से अधिक आयु के हज के इच्छुक और लगातार चार बार आवेदन करने वाले लोगों और को अब तक वरीयता मिलती रही है। नई नीति में इसे भी समाप्त किया जा रहा है।

यह भी पढें :दिवाली के अरमानों को ट्रक ने कुचला, कॉलेज को निकली छात्रा हुई हादसे का शिकार


यहां से मिलेगी उड़ान
केन्द्र ने 12 वर्ष पहले हाजियों की परेशानी के मद्देनजर कई राज्यों में हज के लिए उड़ान शुरू कराई थी। सरकार ऐसे स्थानों की संख्या 21 से 9 कर रही है। सिफारिशें लागू हुईं तो हज यात्रियों को यात्रा के लिए दिल्ली, अहमदाबाद या मुंबई जाना पड़ सकता है। केंद्र इन ३ शहरों के अलावा लखनऊ, कोलकता, चेन्नई, हैदराबाद, बंगलुरु व कोच्चि में सुविधा देना चाहता है।

यह भी पढें :जेवीवीएनएल ने यह क्या किया, जनता से ही मांग लिया दिवाली का बोनस


निजी ट्यूर ऑपरेटरों का कोटा बढ़ेगा
नई नीति के तहत निजी ट्यूर ऑपरेटरों का कोटा 30 फीसदी तय किया जा रहा है। जबकि वर्तमान में यह करीब 26 फीसदी है।

यह भी पढें :इस दिवाली जयपुर के बाजार में नोट आ रहे कम, खरीदारी में प्लास्टिक मनी का उपयोग अधिक


क्या है मेहरम
किसी भी महिला के परिवार का पुरुष सदस्य, जिससे वह महिला निकाह नहीं कर सकती, जिनमें पिता, सगा भाई, पुत्र, पौत्र, नवासे को महिला का मेहरम कहा जाता है। अब तक बेवा, तलाकशुदा या अन्य किसी भी महिला को हज के लिए मेहरम के साथ जाना जरूरी रहा है। किसी भी महिला को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत नहीं है।

यह भी पढें :दिवाली से पहले जयपुर डिस्कॉम का बुरा तोहफा, शुरू की दो से तीन घंटे की बिजली कटौती

नई हज नीति के तहत 45 साल से अधिक उम्र की महिला को समूह में जाने की इजाजत दी जा रही है, जो ठीक नहीं है। जयपुर से लाइट नहीं मिली तो प्रदेशभर के हजारों यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा, परेशानी भी होगी। निजी टूर ऑपरेटरों का कोटा बढ़ाना भी गलत है। 70 साल से अधिक वालों का हज के लिए सीधे चयन होना चाहिए। इसके विरोध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और हज कमेटी को ज्ञापन भेजा जाएगा।
- हाजी निजामुद्दीन, जनरल सैकट्री, राजस्थान हज वेलफयेर सोसायटी