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विधानसभा चुनाव : चार हजार से अधिक बूथ बढे, अब ज्यादा करनी पडेगी राजनीतिक दलों को भागदौड

47 हजार बूथ मानकर दल कर रहे तैयारी, अब बढ़ोतरी के बाद हुए 51 हजार से ज्यादा

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जयपुर। सालभर बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल बूथ मैनेजमेंट को मजबूत करने में जुटे हैं। लेकिन अब उन्हें और मशक्कत करनी होगी। अब तक दोनों ही दल 47000 बूथों को लेकर योजना बना रहे थी। लेकिन निर्वाचन विभाग ने बूथों को बढ़ाकर 51221 करने की तैयारी कर ली है। ऐसे में अब दोनों ही दलों को 4 हजार से अधिक बूथों पर अतिरिक्त मेहनत करनी होगी।

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तय की मतदाता संख्या
भारत निर्वाचन आयोग ने शहरी क्षेत्र में बूथ पर 1400 तक मतदाता और ग्रामीण क्षेत्र में बूथ पर 1200 मतदाता संख्या तय कर रखी है। इससे अधिक मतदाता बढऩे पर नए बूथ का गठन किया जाता है।

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3 लाख कर्मचारी होंगे तैनात

राज्य विधानसभा चुनाव में प्रदेश के करीब 51221 बूथों पर 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी इस बार तैनात होंगे। पहले बूथ पर 5 कर्मचारी तैनात होते थे, लेकिन इस बार एक अतिरिक्त कर्मचारी की तैनाती होगी। इस बार विधानसभा चुनाव से सभी मतदाता केन्द्रों पर अब नई ईवीएम से चुनाव कराए जाएंगे। इनमें वीवीपेट का भी अनिवार्य रूप से इस्तेमाल होगा। ऐसे में वीवीपेट के लिए एक कर्मचारी की नियुक्ति और की जाएगी। एक बूथ पर पहले 4 कर्मचारी और 1 पुलिस कर्मी तैनात होता था। लेकिन इस बार वीवीपेट के लिए 1 अतिरिक्त कर्मचारी की तैनाती होगी।

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बूथों पर ही दोनों दलों का फोकस
वोट बैंक की मजबूती को लेकर कांग्रेस बूथ कमेटी गठन में जुटी है। प्रत्येक बूथ पर 15 सदस्यीय कमेटी बनाई जा रही है। वहीं भाजपा ने बूथ कमेटी का गठन कर बूथ विस्तारक तैनात कर दिए हैं। पार्टी की गतिविधि को लेकर हर बूथ पर रखे रजिस्टर में कार्यक्रम का अंकन किया जा रहा है। इस चुनाव में दोनों ही दलों को बूथ मैनेजमेंट पर फोकस है। माना जाता है कि बूथ मजबूत तो जीतना आसान।