24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जेडीए जमीन लेने पर अड़ा, सरकार ने नहीं ली सुध, भूमि पुत्रों ने खुद को जमीन में गाड़ा

गरमाया नींदड़ आवासीय योजना में जमीन अवाप्ति का मामला

2 min read
Google source verification
nidhad awasiya yojna

जयपुर। आवासीय योजना सृजित करने के नाम पर सैकड़ों बीघा जमीन अवाप्त करने वाले जेडीए के फैसले के विरोध ने नया मोड़ ले लिया है। नींदड़ आवासीय योजना के लिए जमीन अवाप्ति का विरोध कर रहे किसान-काश्तकारों ने बड़ा फैसला लेते हुए सोमवार को जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू कर दिया।

यह भी पढें :जयपुर में एक और बाबा ने दिखाया रंग, संतान का झांसा दे किया दुष्कर्म

सरकार और जेडीए ने नहीं सुनी तो खुद को (गर्दन तक) जमीन के भीतर गाड़ दिया। ऐसे 22 किसान-काश्तकार ने एक साथ जमीन में खोदे गड्ढों में उतर गए। इस दौरान सभी ने दिनभर के लिए भोजन त्याग दिया। कंठ सूखे तो दूसरे लोग आगे आए और पानी पिलाया। यह नजारा देख आस-पास के इलाके के लोगों को भी एकबारगी सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया और प्रदर्शन शुरू कर दिया।

यह भी पढें :कांग्रेस मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र से शुरू करेगी भाजपा की घेराबंदी

आवासीय योजना के लिए भू-अवाप्ति को लेकर पहली बार किसान-काश्तकारों को यह रूप देखने को मिला है। ऐसे हालात के बाद जेडीए से लेकर सरकार के नौकरशाह भी सकते में आ गए। उधर, संघर्ष समिति संयोजक नगेन्द्र सिंह ने साफ कर दिया कि जब तक सरकार किसान-काश्तकारों के हित में फैसला नहीं लेगी, तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा। गौरतलब है कि जेडीए सीकर रोड नींदड़ ग्राम में 1350 बीघा भूमि पर आवासीय योजना सृजित करने की प्लानिंग कर रहा है।

यह भी पढें :तस्वीरों में देखें कैसा है जयपुर का नया डेस्टिनेशन 'जैम एंड ज्वैलरी म्यूजियम'


इस तरह लेना पड़ा कड़ा फैसला
- जेडीए ने 20 दिन पहले मौके पर तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। मुख्य सीकर रोड से आवासीय योजना में पहुंचने के लिए सड़क निर्माण शुरू कर दिया। इस बीच लोगों ने जमकर विरोध किया लेकिन पुलिस बल के आगे उनकी एक नहीं चली।
- लोग एकजुट हुए और संघर्ष समिति तैयार की। समिति संयोजक नगेन्द्र सिंह के नेतृत्व में धरना शुरू किया। लेकिन जेडीए और सरकार किसी के फर्क नहीं पड़ा।
- पांच दिन पहले क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया। पहले दिन 21 प्रभावितों ने अनशन किया, जिसका आंकड़ा बढ़ते—बढ़ते 200 तक पहुंच गया। इसमें महिलाएं भी शामिल हुई्ं।
- इस बीच प्रभावितों ने जेडीए और सरकार को सकारात्मक बातचीत क लिए 1 अक्टूबर तक का वक्ता दिया लेकिन नौकरशाहों के सिर जूं नहीं रेंगी। इसके बाद 2 अक्टूबर से जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू करने का निर्णय किया।

यह भी पढें :एन्वायर्नमेंट कंजर्वेशन के लिए फॉरेनर्स कर रहे 'साइकिल की सवारी'

कोर्ट में जमा है मुआवजा
जेडीए ने दावा किया है जिन काश्तकार—खातेदारों ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया और न ही जमीन समर्पित की है, उनकी मुआवजा राशि सिविल कोर्ट में जमा करा दी गई है। ऐसे में अब जेडीए कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।