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जयपुर। राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अब सरकारी स्कूलों का नामांकन बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए सभी शिक्षकों और संस्था प्रधानों को भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अब हरेक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय की कक्षा 1 से 5 में 150 नामांकन होना जरूरी होगा। इसी तरह कक्षा 6 से 8 में 105, कक्षा 9 से 10 में 100 व कक्षा 11 से 12 में भी 100 नामांकन होना जरूरी होगा।
ये है वर्तमान स्थिति
प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा में वर्तमान में 43 लाख 34 हजार 478 विद्यार्थी नामांकित हैं। सत्र 2017—18 में इसे 53 लाख 22 हजार 354 करना था और अब 63 लाख 20 हजार 57 करना है।
लक्ष्यों को लेकर शिक्षक परेशान
शिक्षकों को दिए गए नामांकन के लक्ष्यों को लेकर वे परेशान हैं। दबी जुबान में शिक्षक इसका विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहा है कि इतने बच्चों का नामांकन आखिर कैसे होगा।
नामांकन में नहीं हुई अपेक्षित वृद्धि
निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल की ओर से जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया कि सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कई तरह की सुविधाएं मिलने के बाद भी नामांकन में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई। कक्षा 1 से 5 में स्थिति अधिक खराब रही। अब नामांकन के लक्ष्य प्राप्ति कि लिए विभिन्न स्तरों से प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए।
नामांकन की रोज करनी होगी समीक्षा
नामांकन के शत प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति के लिए संस्था प्रधानों को रोजाना अपने स्टॉफ के साथ समीक्षा करनी होगी। प्रवेशोत्सव के बाद संस्था प्रधान को मासिक समीक्षा करनी होगी, जिसमें यह देखना होगा कि प्रवेश किए नामांकित बच्चे विद्यालय से ड्राप आउट तो नहीं हो रहे।
जिला शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शैक्षिक प्रकोष्ठ को नामांकन लक्ष्य प्राप्ति के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। नोडल अधिकारी रोज स्कूलों से रिपोर्ट लेंगे। इसके बाद साप्ताहिक समीक्षा होगी।
जिन जिलों में नामांकन उपलब्धि लक्ष्य से कम हो रही है, उन जिला का प्राथमिकता के आधार पर उपनिदेशक भ्रमण करेंगे।
निदेशालय स्तर से उपनिदेशक सांख्यिकी पाक्षिक समय अंतराल से नामांकन लक्ष्य की जिलेवार समीक्षा करेंगे।

Published on:
09 Apr 2018 09:20 am
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