
Operation Smiling Buddha
Operation Smiling Buddha: भारत के इतिहास में 18 मई 1974 को हमेशा याद रखा जाएगा, आज ही के दिन देश का पहला परमाणु परीक्षण (Nuclear Tests) राजस्थान की पोखरण टेस्ट रेंज में किया गया था। भारत के ऐतिहासिक कदम से दुनिया के देश हैरान रह गए थे। भारत के 'ऑपरेशन बुद्धा' कदम से दुनिया सीक्रेट एजेंसियां सकते में आ गई थी। राजस्थान में हुए 'ऑपरेशन बुद्धा' की किसी को भनक तक नहीं लग पाई थी। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान देश ने यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत के वैज्ञानिकों ने इसे 'स्माइलिंग बुद्धा' भारतीय सेना ने 'हैप्पी कृष्णा' और ऑफिशियल डॉक्युमेंट में इसे 'पोखरण-1' नाम दिया गया था।
हिन्दुस्तान के बढ़ते कदम
भारत सरकार के 49 साल पहले किए गए इस परीक्षण से दुनिया चकित रह गई थी। इस परीक्षण के साथ यह भी साफ कर दिया था कि यह परीक्षण पूरी तरह से शांति के लिए था। चीन, रूस, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन के यूएनएससी के स्थाई सदस्य के बाद भारत इकलौता राष्ट्र बन गया था, जिसने ये उपलब्धि हासिल की थी। 1944 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की स्थापना के साथ ही भारत के परमाणु शक्ति बनने की राह शुरू हो गई थी। इसके लिए मुंबई में ट्रॉम्बे परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान की स्थापना और 3 अगस्त, 1954 को परमाणु ऊर्जा विभाग एक सरकारी एजेंसी का गठन किया गया था।
वैज्ञानिक राजा रमन्ना को बनाया हैड
डॉ. राजा रमन्ना परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान के मुखिया थे, तो वहीं इस परमाणु हथियार को डॉ. पी के अयंगर ने डिजाइन और तैयार किया था। दुनिया की नजरों से बचाने के लिए इस सीक्रेट मिशन को स्माइलिंग बुद्धा कोडनेम दिया था। जब तक परमाणु का सफलतापूर्वक परीक्षण नहीं कर लिया गया, तब तक पी के अयंगर ने इस ऑपरेशन को गोपनीय रखा। इसके साथ ही टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर होमी जे. भाभा को इस कार्यक्रम के नेतृत्व के लिए चुना गया। इसके बाद से उन्हें "भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक" के रूप में जाना जाने लगा। इस परीक्षण का नाम स्माइलिंग बुद्धा रखने के पीछे दो कारण थे। पहला- जिस दिन यह परीक्षण हो रहा था उस दिन बुद्ध पूर्णिमा थी और भारत इसी दिन यह परीक्षण कर दुनिया में शांति का संदेश देना चाहता था।
वैज्ञानिकों ने पहले परीक्षण के लिए जो कोड वर्ड तय किया था वो था ‘बुद्धा इज स्माइलिंग’। कहा जाता है कि साल 1974 में जब यह परमाणु परीक्षण सफल हुआ तो इसकी सूचना डा रमन्ना ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को दी थी। उन्होंने फोन कर इंदिरा को कहा था कि बुद्ध मुस्कुरा रहे हैं। इस सीक्रेट मिशन के लिए 75 वैज्ञानिक और इंजीनियरों की टीम ने 1967 से लेकर 1974 तक कड़ी मेहनत की थी।
अमेरिका को भी नहीं लगी थी भनक
भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया तो इसके बाद ही परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया गया, माना जाता है कि भारत के इस कदम से अमेरिका तिलमिला उठा था। अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता उस समय यह थी कि खुफिया एजेंसियों और सैटेलाइट को इस बात की भनक कैसे नहीं लगी। इसका प्रमुख कारण अमेरिका—वियतनाम युद्ध था जिसमें अमेरिका उलझा हुआ था। उस वक्त भारत भारत यह परीक्षण कर रहा था। इस परीक्षण का नतीजा यह रहा कि अमेरिका और कई अन्य देशों ने भारत पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा के बाद भारत ने साल 1998 में पांच और परमाणु परीक्षण किए। इसमें से तीन 11 मई और अन्य दो 13 मई को किए गए थे।
Published on:
18 May 2023 12:16 pm
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